हर भारतीय घर में पनीर एक खास खाना है। दूध से बने पनीर में कैल्शियम, प्रोटीन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है। गर्भावस्था के दौरान पनीर खाना आपके स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा हो सकता है। यह न केवल हड्डियों को मजबूत करने के लिए भरपूर मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फोरस देता है, बल्कि बच्चों के विकास में भी मदद करता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि गर्भावस्था के दौरान दूध से बनी चीजों को खाने से बचना चाहिए और ऐसे में महिलाएं दूध और इससे बनी चीजों को खाने को कम कर देती हैं। ऐसे में आज हम बता रहे हैं गर्भावस्था में पनीर खाने के फायदे, किन लोगों को इसे खाने बचना चाहिए, कितनी मात्रा में खाएं। 

1) एनर्जी और स्टेमिना बढ़ाने में मदद करता है- प्रेगनेंट महिला के लिए पनीर एक अच्छा खाना है क्योंकि यह पर्याप्त मात्रा में एनर्जी और स्टेमिना बढ़ाता है। प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में आप थका हुआ, बेचैन और कमजोर महसूस कर सकते हैं। पनीर खाने से आप इस स्थिति से बचेंगी और आपको फिट रहने में मदद मिलेगी। 

2) जन्म से होने वाली विकलांगता के जोखिम को खत्म करता है- पनीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो लेबर और सेफ चाइल्ड बर्थ के दौरान फायदेमंद होता है। यह यौगिक जन्म और जन्मजात विकलांगता के हर जोखिम को कम करने में मदद करता है।

3) बच्चे की हड्डी का होता है स्वस्थ निर्माण- पनीर में कैल्शियम और फासफोरस की भरपूर मात्रा होती है इसलिए यह बच्चों की हड्डियों के स्वस्थ निर्माण में मदद करता है। साथ ही पनीर खाने से प्रेगनेंट महिलाओं में हड्डियों के डिमिनिरलाइजेशन को रोका जा सकता है। 

4) पनीर में होती हैं एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपरटीज-प्रेगनेंसी के दौरान दर्द, सूजन और संक्रमण काफी आम हो जाता है। ऐसे में पनीर में बहुत सारे एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं। 
 
5) वजन मैनेज करने में करता है मदद- प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को तरह-तरह के खाना खाने का खूब मन करता है। ऐसे में अगर आप पनीर को नाश्ते के रूप में या खाने में खाते हैं तो यह आपके पेट को ज्यादा समय के लिए भरा रखता है। ये आपके शरीर के वजन को प्रभावित किए बिना ही भूख को संतुष्ट कर देता है। इसलिए अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान हेल्दी रहना चाहती हैं तो पनीर को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।  

इन बातों का रखें ख्याल 

1) सुनिश्चित करें कि आप पाश्चुरीकृत दूध से बने पनीर का सेवन करते हैं क्योंकि बिना पाश्चुरीकृत दूध से बना पनीर अपच का कारण बन सकता है। सबसे अच्छी चीज जो आप कर सकते हैं वह है घर का बना पनीर।

2) गर्भावस्था के दौरान कच्चा पनीर न खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह बैक्टीरिया पैदा करने का घर हो सकता है, जो आपके और आपके अंदर पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
अगर आपने पनीर बाजार से खरीदा है तो उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें। अगर घर पर बनाया जाता है तो 2-3 दिनों के अंदर ही इसको खाएं। पनीर एक खराब होने वाला खाना है और इसे लंबे समय तक रखा नहीं जा सकता। 

3) यह सुझाव दिया जाता है कि आप किसी अच्छी दुकान या किसी अच्छे ब्रांड का पनीर खरीदें और लेबल की जांच करके इसकी पुष्टि करें कि यह अच्छी गुणवत्ता वाला पनीर है या नहीं।

4) रंगहीन, सूखा या फटा पनीर खाने से परहेज करें। यह बासी हो सकता है और खाने के लिए अच्छा नहीं होता है।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान कच्चा पनीर खाना चाहिए? 
अगर आपको पनीर खाना पसंद है, तो पनीर को आप किसी भी तरह से खा सकते हैं। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान कच्चा पनीर खाने से बचना चाहिए। क्योंकि कच्चे पनीर में बैक्टीरिया होते हैं। वहीं किसी दुकान से लाया गया पनीर पाश्चुरीकृत दूध से बना होने के बावजूद स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान कच्चा पनीर खाने से बचना चाहिए।
 
ज्यादा पनीर खाने से हो सकता है नुकसान


1) पनीर में सोडियम की हाई मात्रा होती है, जो आपके ब्लड प्रेशर को अपेक्ट कर सकती है। 

2) ज्यादा पनीर खाने से अपच हो सकती है, इसी के साथ पेट की परेशानियां हो सकती हैं और कुछ मामलों में फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है। 

3) अपनी डाइट में ज्यादा मात्रा में हाई फैट वाले पनीर से वजन बढ़ सकता है।