धर्मशाला । कांगडा व हमीरपुर जिला की सीमा पर ज्वालामुखी के पास लुथान में बने गौ अभ्यारण्य को लेकर जहां सत्तारूढ दल अपनी पीठ थपथपा रहा है। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इसके निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। व सीएम जय राम ठाकुर को वास्तुस्थिती न चले इसी वजह से उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से कराया गया।
ज्वालामुखी के पूर्व विधायक संजय रतन ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन एवं विधायक की शह पर इसके निर्माण में करोड़ों रुपए की धांधली की गई है।  इसके निर्माण में 4 करोड़ की लागत आने का दावा किया जा रहा है। लेकिन धरातल में ऐसा नहीं है। अपने आपको गौ रक्षा का दावा करने वाले लोग ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक के चहेतों को इसके निर्माण के लिये ठेका दिया गया। जिसमें बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। नियम कायदों को दरकिनार कर इस गौ अभ्यारण्य के निर्माण में जहां करोड़ों रुपए खर्च होने के दावे किये जा रहे हैं। वह झूठे है। असल में वहां मात्र बजट का एक तिहाई ही खर्च हुआ है जो कि साफतौर पर दिख रहा है। उन्होंने इसके निर्माण की विजिलेंस जांच की मांग करते हुये कहा कि अगर मुख्यमंत्री स्वयं आकर इसका उद्घाटन करते तो उन्हें भी पता चल जाता कि इस इसके निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द इसके निर्माण की जांच करवाकर दोषी अधिकारियों को दंडित करे। संजय रत्न ने दावा किया कि यहां गौ माता की देखभाल के लिये उचित प्रबंध नहीं है। जिससे यहां प्रतिदिन 10-15 बेसहारा पशु मर रहे हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। तथा मृत पशुओं को परिसर के अंदर ही दफनाया जा रहा है। उन्होंने दफनाए हुए पशुओं से बीमारी फैलने का अंदेशा जताते हुए कहा कि इसका सीधा असर वहां की आम जनता पर पड़ेगा। व आने वाले दिनों में महामारी फैल सकती है। संजय रतन ने कहा कि ज्वालामुखी में अवारा पशुओं की समस्या जस की तस है। हालांकि इसके बनने के बाद अवारा पशुओं की समस्या खत्म होनी चाहिए थी। इस गौ अभ्यारण्य की स्थापना 3.96 करोड़ रुपये की लागत से की गई है।  राज्य के विभिन्न गौ अभ्यारण्यों में करीब 19 हजार मवेशी हैं।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य की सभी सड़कें और गलियां बेसहारा पशुओं से मुक्त हों और उन्हें उचित आश्रय मिले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह के भीतर राज्य के लोगों को दो गौ अभ्यारण्य समर्पित किए हैं जो बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के प्रति उनकी चिंता को दर्शाता है। बता दें कि इलाके में आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिये प्रदेश सरकार ने कांगडा जिला के ज्वालामुखी के पास लुथान में गौ अभ्यारण्य बनाया है। यहां आसपास के इलाके की करीब एक हजार गायों को रखने की क्षमता है।