भोपाल । मध्य प्रदेश शासन ने फसल गिरदावरी के लिए लागू की गई जियो फेंस गिरदावरी को प्रदेश के पटवारियों के विरोध के चलते पांच प्रतिशत पर सीमित कर दिया है। साथ ही कलेक्टरों से चर्चा कर सभी कार्रवाई वापस लेने का कहा गया है। गौरतलब है कि एक सप्ताह में शासन ने दूसरी बार अपना निर्णय बदला है इसके पहले 100 प्रतिशत जियो फेंस गिरदावरी को हटाकर 40 प्रतिशत किया गया था, किंतु मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने इसका विरोध किया। इसे पूर्णत: समाप्त किए जाने की मांग पर प्रदेश के सभी पटवारी तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए थे। मध्य प्रदेश पटवारी संघ के प्रांताध्यक्ष उपेन्द्र सिंह बाघेल ने कहा कि जियो फेंस गिरदावरी अव्यवहारिक है। इसमें अनेकों कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था इसको लेकर हमने शासन से ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांग रखी थी, लेकिन शासन द्वारा इसके बाद भी 40 प्रतिशत जियो फेंस गिरदावरी के आदेश जारी किए गए थे। जिसके चलते पटवारी संघ को तीन दिनों के सामूहिक अवकाश को बाध्य होना पड़ा। बाघेल ने कहा कि प्रमुख सचिव महोदय तथा आयुक्त भू-अभिलेख से हुई वार्ता ओर चर्चा के बाद शासन ने फिर भी 5 प्रतिशत जियो फेंस गिरदावरी का आदेश जारी किया है इसमें पटवारी संघ द्वारा दिए गए सुझाव को शामिल किया है । इसके साथ ही किसी भी पटवारी हल्के में उक्त गिरदावरी को लेकर कोई समस्या आती है तो पटवारी द्वारा लिखित शिकायत प्रस्तुत करने पर उसे तुरंत समाधान किए जाने का आश्वासन दिया गया है। पटवारी संघ के महामंत्री उमेश शर्मा ने कहा कि शासन ने जियो फेंस गिरदावरी भले ही 5 प्रतिशत कर दी है किंतु जब तक प्रदेश के कुछ जिलों इसको लेकर पटवारियों पर की गई कार्यवाही बापस नहीं होंगी तब तक प्रदेश के पटवारी गिरदावरी नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आयुक्त भू-अभिलेख ने कलेक्टरों से चर्चा कर सभी कार्यवाही वापस लेने का कहा है। हालांकि आयुक्त भू-अभिलेख ने जारी आदेश में कोरोना के कारण गिरदावरी 5 प्रतिशत जियो फेंस करने का कहा है।

ये थी समस्याएं
पटवारी संघ के अनुसार जियो फेंस में पटवारी की फसल की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए खेत के बीच में खड़े होकर मैपिंग करनी पड़ती है। खेतों में पलेबा और सिंचाई का काम शुरू होने के कारण बीच में जाकर मैपिंग करना संभव नहीं है और मेड़ पर खड़े होकर मैपिंग करने पर एप उस पर काम नहीं करता है। इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है। दूसरी ओर पटवारियों का यह भी कहना है कि सरकार ने इसके लिए जियो की सिम तो दे दी है लेकिन मोबाइल और अन्य सुविधाएं नहीं दी गई हैं। इस कारण काम में परेशानी होती है। कई पटवारियों के पास दो से तीन हल्कों का प्रभार है। यह भी काम पूरा नहीं हो पाने की वजह है। इसके साथ ही बंदोबस्त ओर चकबंदी के विसंगति पूर्ण नक्शे अपलोड हैं, मौका कब्जा पर नक्शा बटांकन अलग अलग है, डूब क्षेत्र के खसरा नम्बर हटे नहीं हैं के अलावा पटवारियों की ड्यूटी दूसरे काम में लगाने के कारण वे इसके लिए समय नहीं दे पा रहे हैं। पटवारियों से मूल विभागीय कार्य के अलावा अन्य कार्य सदैव करवाया जाता है जिसके चलते पटवारियों के पास समय का अभाव है। वहीं शासन ने महिला पटवारी, दिव्यांग पटवारी बड़ी संख्या में भर्ती किए है वो जियो फेंस गिरदावरी नहीं कर सकते।