भारतीय ज्योतिषशास्त्र के अनुसार खरमास लगने पर किसी भी तरह के शुभ कार्य को करना वर्जित माना गया है। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास की शुरूआत होती है। जिसकी अवधि एक माह तक के लिए रहती है। सूर्यदेव जैसे ही धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं वैसे खरमास की समाप्ति होती है और सभी तरह के शुभ कार्य दोबारा शुरू हो जाते हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन सूर्य का राशि परिवर्तन मकर राशि में होने से खरमास समाप्त हो गया है। सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो चुकी है।

खरमास खत्म होते ही शुरू होंगे मांगलिक कार्य

शास्त्रों में खरमास के समय को शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल खरमास में सूर्य की शक्ति कमजोर होने से शुभ कार्य एक महीने के लिए रोक दिए जाते हैं। खरमास के महीने में संगाई, शादी, बच्चों का मुंडन, गृह प्रवेश, नई दुकान या प्रतिष्ठान खोलना आदि जैसे मांगलिक कार्य को अच्छा नहीं माना गया है।अब जैसे ही खरमास खत्म हो गया है सभी मांगलिक कार्य दोबारा शुरू हो गए हैं।

विवाह के शुभ मुहूर्त -

खरमास खत्म होते ही विवाह का पहला शुभ मुहूर्त 22 जनवरी को है। फिर इसके बाद अगला शुभ मुहूर्त 23, 24 और 25 जनवरी को है। जनवरी के बाद फरवरी के महीने में विवाह का पहला शुभ मुहूर्त 4 फरवरी को है, फिर इसके बाद 5, 6, 7, 8,10 और 18, 19 फरवरी का दिन भी विवाह के लिए शुभ है।जबकि मार्च के महीने में विवाह के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है।

गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त -

गृह प्रवेश के लिए 5 फरवरी, (शनिवार) 11 फरवरी (शुक्रवार) 18 फरवरी (शुक्रवार) और 19 फरवरी (शनिवार) का दिन शुभ है। इसके आलावा मार्च में 26 मार्च, शनिवार का दिन शुभ है।