भोपाल । प्रदेश के किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो सके, इसके लिए  254 वितरण केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए सरकार साढ़े आठ करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। चुनाव साल में राज्य सरकार खाद की कमी को लेकर किसानों का आक्रोश झेलने के मूड में नहीं है। इसीलिए खाद वितरण की व्यवस्था को दुरुस्त करने जा रही है। ये केंद्र उन स्थानों पर खोले जाएंगे, जहां किसानों को खाद लेने के लिए 20 से 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। वर्तमान में राज्य सहकारी विपणन संघ के 297 केंद्र हैं। इसके अलावा 154 अतिरिक्त काउंटर भी खोले जाएंगे। सरकार ने इस बार 10.80 लाख टन यूरिया, डीएपी, एनपीके और पोटाश का अग्रिम भंडारण किया जा रहा है। प्रदेश में नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। उस समय रबी फसलों की बोवनी का लगभग पूरा हो रहा हो। किसानों को बोवनी के समय डीएपी और उसके बाद यूरिया की आवश्यकता पड़ती है। पिछले साल अग्रिम भंडार पांच लाख 98 हजार टन खाद का हुआ था। इसके कारण कई जिलों में खाद की कमी आई थी और किसानों ने प्रदर्शन किए थे। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया था। चुनाव के समय यह स्थिति न बने, इसलिए सरकार ने इस बार 10.98 लाख टन यूरिया, डीएपी, एनपीके और पोटाश का अग्रिम भंडारण का निर्णय लिया है।  इसमें से छह लाख टन खाद का भंडारण हो भी चुका है। 31 मई तक शेष मात्रा केंद्र सरकार से प्राप्त हो जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि राज्य सहकारी विपणन संघ अभी 141 वितरण केंद्रों से खाद का वितरण करता है। इसे बढ़ाकर 262 किया जाएगा। संघ के गोदामों पर किसानों की भीड़ न लगे, इसके लिए 154 अतिरिक्त काउंटर भी खोले जाएंगे।सरकार का पूरा ध्यान अब इस बात पर है कि वितरण में कोई समस्या न आए। इसके लिए राज्य सहकारी विपणन संघ 254 वितरण केंद्र खोलने जा रहा है। इस पर आठ करोड़ 46 लाख रुपये व्यय होंगे। किसानों को यहां कोई परेशानी न हो, इसके लिए टेंट, कुर्सी और पेयजल की व्यवस्था भी जएगी। इस पर दो करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय करने पड़ेंगे। सरकार ने सहकारिता विभाग को इसकी मंजूरी दे दी है।