हिंदू धर्म में तुलसी पौधे को बेहद ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। इस धर्म को मानने वाले अधिकतर घरों में आपको यह पवित्र पौधा दिख जाएगा। लोग सुबह शाम इसकी पूजा करते है मान्यता है कि इसमें माता लक्ष्मी और श्री विष्णु का वास होता है ऐसे में धार्मिक तौर पर जितना महत्व तुलसी पौधे का ही उतना ही तुलसी माला का भी माना जाता है।

मान्यता है कि तुलसी माला से अगर भगवान विष्णु के चमत्कारी मंत्रों का जाप किया जाए तो भगवान शीघ्र प्रसन्न होकर कृपा करते है और भक्तों की मनोकामनाओं को भी पूर्ण कर देते है। ऐसे में अगर आप इस पवित्र माला को गले में धारण कर मन को शुद्ध करने का विचार बना रहे है तो इससे पहले कुछ ज्योतिषीय नियमों के बारे में जानना आपके लिए जरूरी है।

तुलसी माला से जुड़े नियम-
धार्मिक और ज्योतिष की मानें तो तुलसी दो तरह की होती हे पहली रामा तुलसी, दूसरी श्यामा तुलसी। इन दोनों का ही प्रभाव अलग अलग होता है। ऐसे में अगर आप तुलसी माला धारण कर रहे है तो आपको सात्विक भोजन ही करना होगा। मांस मदिरा आदि चीजों से दूर रहना होगा। साथ ही साथ लहसुन प्याज का भी आप सेवन नहीं कर सकते है।

जिन लोगों ने तुलसी माला को धारण किया है वे इस बात का ध्यान रखें कि एक बार माला धारण कर लिया है तो इसे गलती से भी न उतारें। तुलसी की माला धारण करने से पहले इसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए और फिर सूखा कर ही इसे पहनें। अगर आपने ये माला धारण की है तो ऐसे में रुद्राक्ष धारण करना आपके लिए उचित नहीं है मान्यता है कि ऐसा करने से फलों की प्राप्ति नहीं होती है।