विद्या बालन की गिनती इंडस्ट्री की प्रतिभाशाली एक्ट्रेस में होती है। उन्होंने न सिर्फ अपने अभिनय के बूते अलग पहचान बनाई है, बल्कि इंडस्ट्री में व्याप्त तमाम धारणाओं को भी तोड़ा है। विद्या बालन को अपने करियर के शुरुआती दौर में काफी रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि उन्हें 'मनहूस' कहकर पुकारा गया। अपने प्रति इस व्यवहार को लेकर हाल ही में विद्या बालन ने चुप्पी तोड़ी है। उनका कहना है इस बुरे बर्ताव को देख वह बुरी तरह टूट गई थीं और खुद से भरोसा उठने लगा था।

विद्या बालन ने साउथ से लेकर बॉलीवुड तक कई फिल्मों में काम किया है। हालांकि, यह बात कम ही लोग जानते होंगे कि विद्या बालन के माता-पिता उनके करियर को लेकर जरा भी निश्चित नहीं थे। एक सख्त साउथ इंडियन फैमिली से आने की वजह से विद्या के लिए अपने माता-पिता को अपने फिल्मों में काम करने के लिए राजी करना काफी मुश्किल था।

विद्या बालन के मुताबिक उन्हें कहीं न कहीं लगता है कि उनकी मां ने खुद एक अभिनेत्री बनने का सपना संजोया था और वह उन्हें दे दिया। एक्ट्रेस ने यह बात भी कही कि जब फिल्म 'तेजाब' रिलीज हुई थी, तब वह आठ साल की थीं। इस फिल्म के 'एक दो तीन' गाने में माधुरी दीक्षित का डांस देखती रह गई थीं। 

विद्या ने हाल ही में अपने करियर के शुरुआती दौर को याद किया। उन्होंने कॉलेज के दौरान टीवी शो के ऑडिशन को याद करते हुए कहा, 'मेरा वह पहला शो, जिसके लिए मुझे साइन किया गया था उसमें कभी काम नहीं किया। लेकिन, तभी मुझे 'हम पांच' मिला। मेरे माता-पिता को भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी, क्योंकि उन्हें लगा कि टीवी एक सुरक्षित विकल्प है। यह कॉमेडी शो है। उन्होंने आगे कहा, 'पीछे मुड़कर देखें तो मुझे लगता है कि सब कुछ ठीक रहा। शो छोड़ने के बाद मैंने एड फिल्में करना शुरू किया और यह भी मेरे पक्ष में रहा। मुझे लगता है कि अगर मैंने टीवी नहीं छोड़ा होता तो मैं कोई और काम नहीं कर रही होती।'

विद्या ने आगे कहा कि उन्हें मोहनलाल के साथ एक मलयालम फिल्म में एक रोल मिला था। लेकिन, दुर्भाग्य से प्रोजेक्ट कैंसिल कर दिया गया। हालांकि, इस प्रोजेक्ट के अलावा भी उन्हें कुछ प्रोजेक्ट के लिए अप्रोच किया गया, लेकिन एक बार जब रद्द की गई फिल्म के बारे में अफवाहें फैलने लगीं तो उन्हें 'मनहूस' टैग दिया गया। इसके चक्कर नें कई प्रोजेक्ट हाथ से निकल गए। विद्या ने आगे बताया कि उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि इंडस्ट्री मुश्किल दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा, 'मुझे मनहूस कहा जाता था और उसकी वजह से मेरा खुद पर से विश्वास उठ गया। यह कठिन समय था और मुझे बहुत सारे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। हालांकि मैं एड फिल्में कर रही थी। मैं एक दिन प्रदीप सरकार से मिली और पहले दिन उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारे साथ एक फिल्म बनाऊंगा। इसलिए 'परिणीता' को चुनने का कोई सवाल ही नहीं था, फिल्म ने मुझे चुना।'