नई दिल्ली । पिछड़ी जातियों के 27 फीसदी आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटे जाने का रास्ता साफ हो गया है। इससे ओबीसी की डेढ़ हजार जा‎तियों को उनका हक प्राप्त हो सकेगा। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर ने कहा है कि रोहिणी आयोग अपनी रिपोर्ट जल्द केंद्र सरकार को सौंपने वाली है। इस रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के लागू होने पर पिछड़ी जातियों के 27 फीसदी आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटे जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। मौजूदा समय में देश में ओबीसी की लगभग 2700 जातियां है। राजभर ने जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए आयोग की रिपोर्ट के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग की करीब डेढ़ हजार जातियों को उनका वाजिब हक मिलेगा। 6 साल की लंबी तैयारी के बाद जस्टिस रोहिणी आयोग ने ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण का काम पूरा कर लिया है। सूत्रों के अनुसार आयोग ने रिपोर्ट सौंपने के लिए केंद्र सरकार से समय मांगा है। आयोग का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ओबीसी आरक्षण में बंटवारे को लेकर सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाते रहे हैं जिसका विरोध सपा और बसपा करती रही है। 
वहीं ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटते हुए पिछड़ी जातियों को 7 फीसदी, अति पिछड़ी जातियों को 9 फीसदी तथा अन्य पिछड़ी जातियों को 11 फीसदी दिए जाने की मांग करते रहे हैं। राजभर के प्रयासों के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार ने सेवानिवृत्त जज राघवेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में सामाजिक न्याय समिति बनाई थी। मोदी सरकार हर वर्ग को उनका हक देने का काम कर रही है। देश के करीब 11 राज्य ऐसे हैं, जहां पहले से ही ओबीसी आरक्षण का बंटवारा किया जा चुका है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल, झारखंड, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी शामिल हैं। इसके अलावा भी कई राज्यों में इस पर तेजी से काम चल रहा है।