भोपाल ।   शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस को रेलवे के अधिकारियों ने बहाल तो कर दिया लेकिन कई यात्री उलझन में फंस गए हैं। इन यात्रियों के हजारों रुपये रेलवे के पास अटक गए हैं, जो वापस नहीं मिल रहेे हैं। ये वे यात्री हैं जिन्होंने भोपाल एक्सप्रेस को निरस्त किए जाने की सूचना के बाद टिकट निरस्त कराए थे और राजधानी, वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में 15 सौ के टिकट 25 सौ रुपये में खरीदे हैं। 14 घंटे बाद रेलवे ने निरस्त की भोपाल एक्सप्रेस को रविवार देर रात बहाल तो कर दिया। जिसके कारण अब कई यात्रियों के टिकट दो ट्रेनों में कन्फर्म हो चुके हैं। अब यदि ऐसे यात्री इनमें से एक भी ट्रेन की टिकट निरस्त कराते हैं तो इनके रुपये कटने तय है। इस संबंध में गलती करने वाले रेल अधिकारियों ने यात्रियों के लिए किसी तरह की कोई सलाह जारी नहीं की है।

निरस्त कराया टिकट तब भी रेलवे नहीं कर रहा मान्य, सेवानिवृत्त आइएएफ परेशान

भारतीय वन सेवा के भोपाल निवासी सेवानिवृत्त अधिकारी एके बरोनिया को दिल्ली जाना था। उन्होंने भोपाल एक्सप्रेस में 16 सितंबर का टिकट लिया था जो द्वितीय श्रेणी का था जिसका किराया 1520 रुपये चुकाया था लेकिन रेलवे ने इसी बीच सूचना दी कि ट्रेन 11 सितंबर से 18 दिन तक निरस्त रहेगी। जिस पर रविवार को उन्होंने दिन में उक्त टिकट को निरस्त करा लिया था। इसके बाद मुंबई से होकर भोपाल के रास्ते हजरत निजामुद्दीन जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस में द्वितीय श्रेणी का टिकट खरीदा था जिसके 2485 रुपये चुकाने पड़े थे।

यह टिकट भी कन्फर्म हो गया है। जब सोमवार तक भोपाल एक्सप्रेस के निरस्त कराए गए टिकट के रुपये वापस खाते में नहीं आए तो रेलवे के पोर्टल पर पीएनआर की जांच की गई। तब पता चला कि भोपाल एक्सप्रेस का जो टिकट उन्होंने निरस्त कराया था वह तो निरस्त ही नहीं हुआ है, बल्कि कन्फर्म है। अब उनका कहना है कि दिल्ली जाने वाले वह एक यात्री है और उनके पास दो ट्रेनों में कन्फर्म टिकट है, जिन पर वह 4005 रुपये खर्च कर चुके हैं। अब इसमें से एक भी टिकट वह निरस्त कराते हैं तो 30 से 40 प्रतिशत रुपये रेलवे काट लेगा। इस तरह रेल अधिकारियों द्वारा की गई गलती के चलते उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। एके बरोनिया ऐसे एक यात्री नहीं है, बल्कि कई यात्रियों के साथ इस तरह की गफलत हुई है और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।

तो रेलवे को होगा नुकसान

रेलवे मामलों के जानकारी अरुण अवस्थी का कहना है कि जल्दबाजी में भोपाल एक्सप्रेस को निरस्त करने की गलती रेलवे के कुछ अधिकारियाें से हुई है। अब नुकसान रेल यात्रियों का हो रहा है। यदि इनमें से कोई भी यात्री उपभोक्ता फोरम जाते हैं तो तय है कि फैसला यात्रियों के पक्ष और रेलवे के खिलाफ में आएगा। इस तरह रेलवे को अपने खजाने से राशि चुकानी होगी।

यहां करें इसकी शिकायत

जिन यात्रियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है वे रेल सुविधा नंबर 139 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। भोपाल डीआरएम व पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के कार्यालय में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।