लखनऊ । उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों के पारदर्शी संचालन के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रतिमाह निगम के प्रवर्तन दलों द्वारा नियमित जांच की जा रही है। इसी क्रम में सितंबर, 2023 में प्रवर्तन दलों द्वारा यूपीएसआरटीसी द्वारा संचालित बसों की कुल 109221 बार जांच की गयी। जांच दल द्वारा इस दौरान करीब 30 लाख रुपए (कुल 29 लाख 60 हजार 305 रुपए) का प्रशमन शुल्क वसूला गया। प्रधान प्रबंधक प्रवर्तन अशोक कुमार ने बताया कि सीएम योगी, परिवहन मंत्री एवं प्रबंध निदेशक के निर्देशों के अनुपालन में जांच दल द्वारा यूपीएसआरटीसी की संचालित बसों की जांच की जाती है। इसमें बिना टिकट यात्री, बिना बुक भार वहन, चालक-परिचालक की अल्कोहल टेस्ट इत्यादि की जांच होती है।
प्रधान प्रबंधक प्रवर्तन ने बताया कि सितंबर माह में जांच दलों (मुख्यालय नियंत्रित टाटा सूमो प्रवर्तन दल, इण्टर सेण्टर दल एवं क्षेत्रीय प्रवर्तन दल) द्वारा जांच के दौरान कुल 4577 यात्री बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए, जबकि 113.40 टन बिना बुक भार पकड़ा गया। 8 हजार 538 चालकों/परिचालकों का मार्ग पर चेकिंग के दौरान ब्रेथ एनलाईजर मशीन द्वारा एल्कोहल जांच की गई। 
परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में गाजियाबाद, हरदोई, मेरठ, देवीपाटन, नोएडा, आगरा, सहारनपुर,अलीगढ़, मुरादाबाद एवं बरेली क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधकों,सेवा प्रबंधकों एवं सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इसमें प्रत्येक बस को 6000 किलोमीटर प्रति वाहन संचालित करने, गैर-टिकट राजस्व मे बढ़ोत्तरी, प्रतिदिन की आउट शेडिंग, अनुपयोगी बसें, ईधन अवसत एवं बस स्टेशनो पर कैन्टींस, स्टाल्स किराए पर उठाने के संबंध में चर्चा की गई। इसके अलावा ऑनलाइन रिजर्वेशन सिस्टम को सद्ढ़ किए जाने, बस रिजर्वेशन कैंसिलेशन किसी भी दशा में न किए जाने एवं हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों को श्रेणीबद्ध कर निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। डिपो वर्कशॉप को आधुनिक बनाने के उद्देश्य पर विचार करने के भी निर्देश दिए। वहीं क्षेत्रीय स्तर पर एक कमेटी घटित कर ईधन औसत, अर्जित किलोमीटर, सेवित एवं असेवित गांव के विषय में कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।