राम लला की प्राण प्रतिष्ठा और 2024 के चुनाव दोनों ही शुभ होंगे : सत्येंद्र दास
अयोध्या । राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि राम राज्य आ रहा है, राम लला की प्राण प्रतिष्ठा और लोकसभा के चुनाव दोनों ही शुभ होंगे। उन्होंने कहा कि 2024 में बहुत काम होना है, नया साल 2024 महत्वपूर्ण है। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला का विराजमान होना और आम चुनाव दोनों शुभ होंगे। रामघाट में अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए मुख्य पुजारी ने अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, सिर्फ शांति नहीं, राम राज्य आ रहा है। उन्होंने एक दोहा उद्धृत किया...राम राज बैठे त्रिलोक, हर्षित भई, गए सब शोक। दुख, दर्द, तनाव खत्म हो जाएगा और हर कोई खुश होगा। राम जन्मभूमि मंदिर स्थल पर आरती करने के लिए जाने से कुछ देर पहले उन्होंने कहा कि नए साल पर सभी देशवासियों को मेरी बधाई और आशीर्वाद। उन्होंने कहा कि नए साल के दिन पूजा की गई। अक्षत (हल्दी और घी के साथ मिश्रित चावल के दानों) का वितरण राम मंदिर में अभिषेक समारोह से एक सप्ताह पहले 15 जनवरी तक जारी रहेगा।
राम जन्मभूमि परिसर में सबके राम की भी अवधारणा साकार होगी। परिसर में रामायण काल की मातृ शक्तियों के भी मंदिर बनाए जाएंगे। राम जन्मभूमि के भव्य गर्भगृह में विराजमान होने वाले बाल स्वरूप रामलला को माता शबरी व अहिल्या आशीर्वाद देती नजर आएंगी। राम को जन-जन का राम बनाने में इन मातृ शक्तियों की अहम भूमिका है। किसी ने राम को जीत का द्वार दिखाया, किसी का राम ने उद्धार किया। राम जन्मभूमि परिसर में माता भगवती, माता शबरी, अहिल्या व अन्नपूर्णा का भी मंदिर प्रस्तावित किया गया है। श्रीराम ने पाषाण रूपी अहिल्या का उद्धार किया था। माता सीता की खोज के दौरान भगवान माता शबरी से मिले तो शबरी ने ही उन्हें सुग्रीव से मिलने का सुझाव दिया, जिससे लंका विजय का मार्ग प्रशस्त हुआ।
पुजारी ने बताया कि परिसर में माता भगवती का भी मंदिर बनेगा, जो आदिशक्ति दुर्गा हैं। इसके अलावा सीता रसोई में मां अन्नपूर्णा का मंदिर प्रस्तावित है। प्रख्यात कथावाचक जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य कहते हैं कि शक्ति और शक्तिमान में अभेद्य संबंध होता है। शक्ति के बिना शक्तिमान अपना अस्तित्व प्राप्त नहीं कर पाता। वहीं ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि रामायण काल की मातृ शक्तियां जिनका राम के जीवन में अहम प्रभाव रहा है, उन्हें मंदिर परिसर में स्थान दिया जाना कल्याणकारी है।