प्राण प्रतिष्ठा के बाद सबसे पहले इस खास उपहार को ग्रहण करेंगे रामलला, बेहद खास है रिश्ता
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह है. सभी लोग अपने आराध्य प्रभु राम को कुछ ना कुछ प्राण प्रतिष्ठा के दौरान समर्पित करना चाह रहे हैं. जहां प्रभु राम के ननिहाल और ससुराल से अनेक उपहार प्राण प्रतिष्ठा के लिए आ रहे हैं, तो भला कृष्ण की नगरी मथुरा इसमें कैसे पीछे रह सकती है. आपने एक भजन भी सुना होगा ‘चाहे कृष्ण कहो या राम जग में सुंदर है दो नाम’…. तो भला प्रभु कृष्ण की नगरी कैसे अछूता रह सकती है. इसी कड़ी में मथुरा बांके बिहारी मंदिर के पुजारी ने प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा के लिए चांदी के कलश, शंख, बांसुरी और गले की हार राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को समर्पित किया है.
बता दें कि राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद मथुरा से आए अनेक उपहार को रामलला को समर्पित किया जाएगा. इतना ही नहीं खास बात यह है कि रामलला जब अपने भव्य महल में विराजमान हो जाएंगे तो प्रथम उपहार मथुरा का ही धारण करेंगे. यह बातें राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कही है. राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मानें तो प्रभु राम की नगरी अयोध्या और कृष्ण की नगरी मथुरा का शाश्वत संबंध भी है. प्रभु राम और भगवान कृष्ण एक ही हैं और मथुरा और अयोध्या एक ही है.
रामलला के लिए आए मंगल उपहार
बांके बिहारी मंदिर के सेवा अधिकारी गोपी गोस्वामी ने बताया कि मथुरा के बांके बिहारी मंदिर से प्रभु राम की आरती के लिए शंख और बांसुरी के साथ ठाकुर जी का हार लेकर हम लोग आए हैं. राम और कृष्ण में कोई भेद नहीं है. वृंदावन कृष्ण की नगरी है और अयोध्या प्रभु राम की नगरी है. वृंदावन और अयोध्या का संबंध एक ही है. बृजवासी जब अयोध्या पहुंचेंगे और रामलला के साथ बांसुरी का दर्शन करेंगे तो बृजवासी का उत्साह भी दोगुना हो जाएगा और उस उत्साह को देखने के लिए 22 जनवरी को बांके बिहारी मंदिर को भी सजाया जाएगा. वृंदावन से हम लोग ठाकुर जी के लिए शंख लेकर आए हैं जिससे आरती होगी और एक बांसुरी है, जो रामलाल के पास रखी जाएगी. इसके साथ ही सुंदर हार भी है. यह सब चीज स्वर्ण और रजत से बनाए गए हैं.
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर देशभर में उल्लास
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि बांके बिहारी मंदिर से रामलला के लिए कई सारे सामान आए हैं. जो भी सामान आए हैं उन सभी को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब प्रभु राम विराजमान हो जाएंगे तो मथुरा बांके बिहारी मंदिर से आया सभी सामान उनको समर्पित किया जाएगा. क्योंकि इसमें ऐसे कई महत्वपूर्ण वस्तु है जिसकी आवश्यकता भी है और यह प्रथम पूजा में अर्पित किया जाएगा. भगवान कृष्ण और प्रभु राम का शाश्वत संबंध है.