तीन दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन सोमवार की सुबह अयोध्या जाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में रुद्राभिषेक किया। अनुष्ठान के पूर्ण करने के बाद उन्होंने देवाधिदेव भोलेनाथ से लोकमंगल और जगत कल्याण की कामना की।

जन्मभूमि पर श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार गोरखपुर आए योगी ने रुद्राभिषेक कर उस मान्यता की पुष्टि की, जिसमें कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रुद्राभिषेक के अनुष्ठान से भगवान शंकर को अति शीघ्र प्रसन्न करने का विधान है। मंदिर स्थित गोरक्षपीठाधीश्वर के आवास के पहले तल पर स्थित शक्तिपीठ में मुख्यमंत्री ने महादेव का बिल्व पत्र, कमल पुष्प आदि अर्पित करने के बाद रुद्राभिषेक सम्पन्न किया।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया रुद्राभिषेक

गुरु गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के आचार्य डा. रोहित मिश्र के नेतृत्व में 11 पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कराया। रुद्राभिषेक के बाद उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन व आरती की। विधि विधान से पूर्ण हुए अनुष्ठान के उपरांत उन्होंने प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की।

गोवंश को गुड़ व चना खिलाए सीएम योगी

रुद्राभिषेक करने के बाद मुख्यमंत्री मंदिर की गोशाला गए और वहां गोसेवा की। उन्होंने गोशाला के कार्यकर्ताओं से गोवंश का हाल जाना। उसके बाद उन्हें अपने हाथों से गुड़-चना खिलाया।

एक आवाज पर पास आ गए गोवंश

सीएम योगी जब श्यामा, गौरी, गंगा, भोला आदि नामों से गोवंश को पुकारा तो सभी तेजी से उनके पास चले आए। गोसेवा के बाद कार्यकर्ताओं को योगी ने निर्देश दिया कि वह सर्दी के मौसम में गोवंश के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। उसी नजरिए से देखभाल करें।