भोपाल 20जुलाई/बायर सेलर मीट रहीं रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव की एक महत्वपूर्ण कड़ी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

स्थानीय उत्पादों में स्थानीय उद्योगों ने दिखाई दिलचस्पी,एक स्थान पर रूबरू हुए बायर-सेलर करेंगे व्यापार का विस्तार जो बायर सेलर मीट के अंतर्गत प्रदेश के उत्पादकों को खास तौर पर कृषि, हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने का कार्य कर,इस परिपेक्ष्य में जबलपुर में 1000 उद्योगपति प्रतिनिधित्व करेंगे। मुख्यमंत्री का दावा है कि बायर सेलर मीट के द्वारा स्थानीय उत्पादकों को अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए आसानी से नेशनल और इंटरनेशनल खरीददार मिलने की उम्मीद बढ़ी है एवं इसमें 1222 करोड़ का निवेश होने के साथ 3444 नौकरियां मिलने की भी संभावना जताई है।
राज्य शासन द्वारा जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव की एक महत्वपूर्ण कड़ी बायर-सेलर मीट रहीं है। इस मीट में कई उद्योगों और उत्पादों से जुड़े एफपीओ, कंपनी और स्टार्टअप को नई ऊँचाइयाँ देने वाले युवा शामिल हुए। शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए इस अवसर का सभी बायर्स और सेलर्स ने लाभ लेने की कोशिशें की। छिंदवाड़ा के सौंसर में पैकेजिंग का स्टार्टअप करने वाले कैलाश गायकवाड़ ने रेमण्ड शूटिंग एंड शर्टिंग के उत्पाद की पैकिंग करने पर पहले दौर की चर्चा की। इसी तरह जबलपुर में ही अश्वगंधा, मिर्च और चिया की खेती करने वाले निखिल अग्रवाल भी अपने उत्पादों के प्रसंस्करण से सम्बंधित शासन की योजनाओं के सम्बंध में स्टाल पर जानकारी ली। इसी तरह भोपाल के कॉग्नीफर सोलुशन लिमिटेड के अमित कुमार और सेंट्रिक इरा के प्रदीप बिस्वारी ने अपने उत्पादों के निर्माण को लेकर आने वाली लागत को कम करने तथा विक्रय के बारे में पहली बार चर्चा की।
डिंडोरी के मिलेट्स और उत्पाद रहें आकर्षण का केंद्र
बायर्स व सेलर्स मीट में आने वाले डेलीगेट्स और उद्योगों के प्रतिनिधियों ने डिंडोरी के हल चलित महिला किसान एफपीओ और मिलेट्स पर आधारित उत्पादों पर आधरित स्टॉल पर कई डेलीगेट्स ने जानकारियां ली। यहां कोदों-कुटकी रागी और उससे बने उत्पादों की रेसिपीज आदि की जानकारियां एफपीओ से जुड़ी महिलाओं ने दी। साथ ही तेजस्विनी नारी चेतना महिला संघ की रेखा पेंड्राम के श्रीअन्न के उत्पादों की खरीदी की।
विभागों ने सुझाई योजनाएं और उद्योग नीति
बायर्स व सेलर्स मीट में उद्योगों से जुड़े विभागों द्वारा स्टाल्स लगाए गए। इन स्टाल्स पर विभागों से जुड़ी योजनाएं और उद्योग नीति के विषय मे डेलीगेट्स को जानकारियाँ उपलब्ध करवाई। इसमें मप्र टूरिज्म, मंडी बोर्ड, उद्योग, कस्टम, सीजीएसटी और एपीडा ने उद्योग स्थापित करने में आवश्यक सहूलियत आदि के बारे में जानकारियाँ उपलब्ध करवाई।
एमएस उइके/बीके इंजी नरेश बाथम