भोपाल 7अक्टूबर/उप मुख्यमंत्री शुक्ल माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन समापन समारोह में हुए शामिल
आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय शांतिवन में चल रहे चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का सोमवार को समापन हो गया। इसमें भारत सहित विश्व के 15 से अधिक देशों की 20हजार से अधिक जानीं-मानीं हस्तियों ने भाग लिया। कला, धर्म, संस्कृति, अध्यात्म, राजनीति, विज्ञान, चिकित्सा और शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों के विद्वानों ने आध्यात्मिकता द्वारा स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज विषय पर अलग-अलग सत्रों में विचार रखे। सम्मेलन के दौरान दस सत्र आयोजित किए गए। सभी ने चिंतन-मंथन कर निष्कर्ष निकाला कि यदि समाज, राष्ट्र और विश्व को स्वस्थ, सुखी, संपन्न बनाना है, मानसिक-शारीरिक-आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाना है तो एकमात्र उपाय अध्यात्म ही है। जीवन में आध्यात्मिकता के समावेश के बिना मानव जाति का कल्याण संभव नहीं है। अध्यात्म से ही विश्व शांति आएगी। अध्यात्म भारत की धरोहर और संस्कृति है।ब्रह्माकुमारीज़ जैसे संस्थान देश को खुशहाली के लिए हैं-
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 1937 से लेकर आज तक ब्रह्माकुमारीज़ संगठन लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। रास्ते से भटके हुए लोगों को रास्ते पर लाने का काम ब्रह्माकुमारीज़ जैसे संगठन कर रहे हैं। लोग आपको आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। अध्यात्म मनुष्य की आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। यदि आत्मा का शुद्धिकरण नहीं होगा तो न मनुष्य स्वयं सही रास्ते पर चलेगा, न समाज को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित कर सकेगा। ब्रह्माकुमारीज़ जैसे संस्थान देश को खुशहाली के लिए हैं। आज मैं सुबह 3.30 बजे उठ गया था और 45 मिनट मेडिटेशन किया। मैं प्रयास करता हूं कि जब गाड़ी में चलता हूं तो आंख बंद करके मेडिटेशन कर लूं। शरीर की बहुत व्याधियां भी मेडिटेशन से दूर हो जाती हैं। मेडिटेशन हमें सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है।उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी से विकास की तेज राह में विश्व आगे बढ़ रहा है, इसे सही दिशा देकर मानव कल्याण से जोड़ने के लिए समाज में सद्मूल्यों को विकसित करना होगा। विकास को वरदान बनाना है तो समाज में प्रेम, दया, करुणा, परोपकार और शांति की भावना को जागृत करना होगा। ब्रह्मकुमारी जैसे संस्थानों द्वारा जन-चेतना के लिए किये जा रहे कार्य सशक्त और समृद्ध भारत तथा वैश्विक खुशहाली के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल राजस्थान के माउंट आबू में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित "आध्यात्मिकता द्वारा स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज का निर्माण" वैश्विक शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि 4 से 7 अक्टूबर तक आयोजित शिखर सम्मेलन के शुभारंभ सत्र में (4 अक्टूबर) राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु शामिल हुई थीं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी की अगुवाई में सपनों के भारत के निर्माण का चल रहा है महायज्ञ
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गौरवशाली नेतृत्व में भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है आज भारत विश्व की 5 वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। आगामी 5 वर्षों में हम तीसरी और वर्ष 2047 तक विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। व्यापक स्तर पर तेज गति से विकास हो रहा है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ने विकास के द्वार खोले हैं। नागरिकों को सक्षम बनाने के लिये उच्चस्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। विकास की राह के हर पड़ाव में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सपनों के भारत के निर्माण का महायज्ञ चल रहा है। इस विकास को स्थायी बनाने के लिये मानव जाति का जागृत होना आवश्यक है। इसके लिये भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत और आध्यमिकता का पुनरुत्थान करना होगा।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे 21 वीं सदी भारत की होगी। भारत विश्वगुरु होगा। वर्तमान वैश्विक पारिस्थितियों में भारत का नेतृत्व नितांत आवश्यक है। आर्थिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास पर भी कार्य करना होगा। विकसित, समृद्ध और खुशहाल विश्व के निर्माण के लिये भारत की “वसुधैव कुटुंबकम्” की सोच पर सभी को चलना होगा। वैश्विक कल्याण के इस अहम दायित्व के निर्वहन के लिये आवश्यक है कि भारत का हर नागरिक सकारात्मक भूमिका निभाकर लोक-कल्याणकारी पुनीत यज्ञ में सहभागी बने।
अच्छा मनुष्य बनकर ही स्वयं, समाज और विश्व का कल्याण किया जा सकता है सुनिश्चित
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी कहते थे “आज मानव ने आकाश में पक्षी की तरह उड़ना सीख लिया है, मछली की तरह समुद्र में तैरना सीख लिया है लेकिन इंसान की तरह जमीन पर चलना नहीं सीख पाया।” उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि वैश्विक कल्याण के लिये मानव मूल्यों को जागृत करना होगा। समाज को तोड़ने वाली शक्तियाँ कार्य कर रही हैं, परंतु ख़ुशी की बात है कि समाज को जोड़ने वाली, चिंतन करने वाली, वैश्विक कल्याण के भाव वाली संस्थाएँ और विचारक सतत कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व ब्रह्मकुमारी जैसे संस्थानों को आशा भरी नज़रों से देख रहा है। यह वर्तमान पीढ़ी की ज़िम्मेदारी है आगामी पीढ़ी को भारत की समृद्ध संस्कृति और आध्यात्म से जोड़ने की दिशा में प्रयास करे। एक अच्छा मनुष्य बनकर ही स्वयं का, समाज का और विश्व का कल्याणकारी भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल को ब्रह्मकुमारी संस्थान के प्रतिनिधियों ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। महासचिव राजयोगी बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि विज्ञान की शक्ति को प्रयोग करने वाली आध्यात्मिक शक्ति है। मानव ही विज्ञान की शक्ति का प्रयोग करता है। सम्मेलन के आयोजक व संस्थान के कार्यकारी सचिव डॉ. मृत्युंजय भाई ने कहा कि देश-विदेश से आए विद्वानों ने समिट में अपने महान विचार रखे। निश्चित रूप से इससे समाज को नई दिशा मिलेगी। संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी, युवा प्रभाग की उपाध्यक्ष बीके चंद्रिका दीदी, पुणे से आई यूथ एम्पॉवरिंग सेंटर एंड लिविंग वैल्यूज की फाउंडर साक्षी कमलापुरे ने भी विचार व्यक्त किए। आभार वैल्यु एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ. बीके पांड्यामणि भाई ने माना। संचालन बीके चंदा बहन ने किया।ब्रह्मकुमारी के राजयोगी श्री बृजमोहन, राजयोगिनी सुश्री चन्द्रिका दीदी सहित 20 हजार से अधिक प्रतिभागी इस सम्मेलन में शामिल थे।
गौरव/अंकुश मिश्रा/बीके इंजी नरेश बाथम