संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका जगदंबा सरस्वती को देख लिया समर्पित होने का निर्णय,समाज के लिए कुछ कर दिखाने की लगन ने बनाया ब्रह्माकुमारी,राजयोगिनी अवधेश दीदी जी का अमृत महोत्सव धूमधाम से हुआ संपन्न,ब्रह्माकुमारी संस्थान भोपाल के सभी सदस्य हुए एकत्रित किया सामूहिक योग।

ब्रह्माकुमारीज परिवार के लिए अत्यंत हर्ष एवं गौरव का विषय है कि ब्रह्माकुमारीज मध्यप्रदेश की क्षेत्रीय अध्यक्षा आदरणीय राजयोगिनी अवधेश दीदी जी ने 75 वर्ष पूरे किए हैं ।इस अमृत महोत्सव के पावन अवसर को हम सभी वत्सों ने आत्मीयता एवं श्रद्धा के साथ मनाया।आदरणीय राजयोगिनी अवधेश दीदी जी के स्नेहिल संरक्षण, दिव्य मार्गदर्शन एवं आध्यात्मिक प्रज्ञा से सभी को निरंतर प्रेरणा मिलती रही है। इस पावन अवसर पर सभी हृदय से कृतज्ञता व्यक्त करते हुए विशेष सम्मान एवं आशीर्वाद समारोह  दिनांक 9 फरवरी 2025 को ब्रह्माकुमारीज सुख शांति भवन में भव्य रूप से आयोजित किया गया।
जिसमें भोपाल शहर की ब्रह्माकुमारीज़ परिवार के सभी भाई बहने एकत्रित हुए साथ ही साथ शहर के अन्य विशिष्ट जन भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।तथा सभी ने मिलकर सामूहिक योग किया एवं एवं गहन आत्मिक शांति का अनुभव किया तथा शांति के प्रकंपन सारे संसार में फैलाएं।
                                                                                                                                                            "होनहार वीरवान के होत चिकने पात" अर्थात जिस प्रकार जो पेड़ स्वस्थ होता है, प्रारंभ से ही उसके पत्ते चिकनी एवं स्वास्थ्य दिखाई देते हैं जो उसके आने वाले प्रारूप प्रदर्शित करते हैं। इस कहावत को चरितार्थ करने वाली ऐसी ही एक शख्सियत हैं राज योगिनी अवधेश दीदी जी।"कुछ व्यक्तित्व केवल जीवन नहीं जीते, वे एक प्रकाशस्तंभ बन जाते हैं, जो समाज को नई दिशा, नई रोशनी और नई चेतना देते हैं। ऐसे ही एक महान व्यक्तित्व हैं, राजयोगिनी अवधेश दीदी जी , जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ईश्वरीय सेवा और मानवता के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है।"सन 1950, उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के पास  शमशाबाद नगर  में  एक धार्मिक एवं संपन्न परिवार में जन्म हुआ एक दिव्यआत्मा का। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि मिलनसार एवं "सिर्फ 15 वर्ष की आयु में, 1965 में, आपने ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़कर एक नई दिशा पाई। ब्रह्माकुमारीज़ की प्रथम मुख्य प्रशासिका जिन्हे प्यार से मम्मा  कहकर पुकारते है ,उनसे प्रेरित होकर, आपने अपने पूरे जीवन को ईश्वरीय सेवा के लिए समर्पित कर दिया।" तत्पश्चात संस्था के साकार संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा से भविष्य जीवन की प्रेरणा लेकर सेवाओं में आगे बढ़ते चले गए। 

आपकी सेवाओं का सफर आगरा से ग्वालियर, भोपाल, सिंगरोली तथा मध्यप्रदेश के अनेको शहरो में चलता गया १९८३ से भोपाल को छेत्रिय मुख्यालय   बनाकर अनगिनत आत्माओं को  राजयोग के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति की राह दिखाई।"
आपने आध्यात्मिकता और समाज सेवा को अपनी साधना बना लिया। वर्तमान में आप ब्रह्माकुमारीज के भोपाल ज़ोन की निदेशक के रूप में कार्यरत हैं एवं साथ ही ब्रह्माकुमारी संसथान के सहयोगी निकाय राजयोग एजुकेशन & रिसर्च फाउंडेशन के प्रशासक प्रभाग की राष्ट्रिय संयोजिका भी है ,आपके दिव्य जीवन से प्रेरित होकर सैकड़ो ब्रह्माकुमार एवं कुमारिया ईश्वरीय कार्य में अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया। "पिछले 75 वर्षों की यह दिव्य यात्रा केवल वर्षों की गिनती नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और तपस्या की कहानी है। दीदी जी का हर एक शब्द, हर एक कर्म हमें यह सिखाता है कि जीवन का असली अर्थ केवल अपने लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए जीना है।" ऐसी महान विभूति  को हमारा  शत शत नमन है शत शत  नमन है। यह कहना था सुख शांति भवन की निर्देशिका आदरणीय राजयोगिनी नेता दीदी जी का जिन्होंने अपने हृदय के उद्गार व्यक्त करते हुए सभी के साथ अनुभव साझा किए।


इस पावन और ऐतिहासिक क्षण में, हम सभी ने उस महान आत्मा के 75वें जन्मदिवस को "अमृत महोत्सव" के रूप में मनाया, जिन्होंने अपने तप, त्याग और स्नेह से अनगिनत जीवन को प्रकाशित किया है।साथ ही साथ भ्राता नारायण जी ने कहा कि आदरणीय दीदीजी एक माँ की तरह सबका पालन करने वाली, बाल ब्रह्मचारिणी, पवित्र, उच्च कोटि की योगिनी और सरल स्वभाव की धनी हैं, आज समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। उनके विशाल हृदय, गहरी आध्यात्मिक दृष्टि और प्रेमपूर्ण आचरण ने अनेकों को सही मार्ग दिखाया है। इस शुभ अवसर पर हम सभी उन्हें नमन करते हैं और उनके दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं। यह महोत्सव केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उनके महान व्यक्तित्व का उत्सव है, जो सदा समाज को सन्मार्ग पर अग्रसर करने की प्रेरणा देता रहेगा। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन बीके डॉक्टर प्रियंका नेगी और बीके डॉक्टर देवयानी द्वारा किया गया,कार्यक्रम में सभी ब्रह्माकुमारी संस्थान के सदस्यों ने गीतों कविताओं नृत्य एवं स्व अनुभवों के द्वारा अपने भावनाएं साझा की। कार्यक्रम के प्रसाद सभी को ईश्वर वरदान तथा ईश्वरीय प्रसाद स्वीकार कराया गया।                                                                                                                                                                                 बीके इंजी नरेश बाथम

न्यूज़ सोर्स : mp1news Bhopal