लखनऊ । उत्तर प्रदेश की विधानसभा में समाजवादी पार्टी पर ताबड़तोड़ हमलों के बाद सीएम योगी ने अब विधान परिषद में भी विपक्षी दल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। योगी ने बिना नाम लिए कहा कि प्रदेश का पैसा चोरी कर लोग इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टापू खरीदते थे। उन्होंने रामचरितमानस पर सवाल उठाने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी की तारीफ कर योगी ने कहा कि पाकिस्तान में आज रोटी के लाले पड़े हैं, लेकिन भारत जैसा प्रदर्शन कर रहा है, उससे दुनिया अभिभूत है। बीजेपी सरकार के बजट पर अपनी बात रखकर योगी ने कहा, हमने जो कहा वहां कर के दिखाया। हमारी पार्टी ने 2022 में 130 संकल्प प्रदेश की जनता के सामने रखे थे। इसमें से 110 संकल्पों को पूरा करने के लिए 64 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। 16-17 में रेवेन्यू कुल प्राप्ति 86 हजार करोड़ थी, इस वित्तीय वर्ष में हमारा राजस्व 2 लाख 20 हजार करोड़ आने जा रहा है। इससे पहले क्या होता था, सेल टैक्स और वैट था। इससे 49 हजार करोड़ से 51 हजार करोड़ तक प्राप्त होता था। इस वित्तीय वर्ष में 1 लाख 25 हजार करोड़ तक हमें प्राप्त होने जा रहा है।
योगी ने कहा कि मार्च 2017 तक स्टेट एक्साइज में 12 हजार करोड़ मिलते थे, आज ये राशि 45 हजार करोड़ की होने जा रही है। ये पैसा चोरी होता था, तब लोग इंग्लैंड में होटल और ऑस्टेलिया में टापू खरीदते थे। जिस पैसे से गरीब, किसान, युवा बुजुर्ग के लिए योजनाएं बनाने के लिए खर्च होना चाहिए था। हमने बिना डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाए ये काम किया है। आज यूपी में सबसे कम रेट है। सीएम योगी ने फिर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मैंने कल भी कहा था कि समस्या के समाधान के दो रास्ते होते हैं, या तब उसमें भाग लो या उससे भाग लो। हमारे पास समाधान करने वाली टीम है। जब हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं, तब वहां जाति की बात करते हैं। जब हम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की बात करते हैं, तब वह जाति की बात करते हैं। जब हम बजट की बात करते हैं, तब वहां जाति की बात करते हैं। ये सब जानते हुए कि इसी कारण ये यूपी के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था। इस संबंध में एक बड़े विद्वान ने कहा था कि समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है। दुर्योधन का सलाहकार शकुनि था और अर्जुन के सलाहकार श्रीकृष्ण थे।
मानस विवाद पर योगी ने कहा कि ये उनके संस्कार हो सकते हैं, कि अपनी विरासत को कोस रहे हैं। मध्यकल के महान संत तुलसीदास पर टिप्पणी की गई। उनकी विरासत की ओर देश और दुनिया आकर्षित होती है। तुलसीदास के साथ जुड़ा किस्सा है, जब उन्होंने मानस लिखना प्रारंभ किया था, तब पोथी चोरी हो जाती थी लेकिन समस्या देने वाले की हस्ती कितनी ही बड़ी क्यों न हो जब ईश्वर की कृपा होती है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। योगी ने कहा कि तुलसीदास ने भारत का मार्गदर्शन करने वाला महाकाव्य दे दिया।