महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शनिवार को नागपुर अदालत में पेश हुए। दरअसल, एक आवेदन में उनके खिलाफ यह कहते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी कि उन्होंने 2014 के अपने चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया। फडणवीस ने अदालत में इन सभी आरोपों से इनकार किया। 

फडणवीस का बयान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के प्रावधान के तहत लिखित प्रारूप में दर्ज किया गया है। इस प्रावधान के तहत अदालत मामले में शिकायतकर्ता द्वारा आधारित सबूतों पर आरोपी से सवाल करती है। फडणवीस अपने वकीलों के साथ दोपहर 12 बजे सिविल जज वीए देशमुख के समक्ष पेश हुए। उन्हें 110 सवालों के साथ 35 पन्ने दिए दिए गए। 
 फडणवीस ने अपने वकीलों से चर्चा के बाद खुद प्रत्येक सवाल का जवाब लिखा। बाद में उनके वकीलों ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा नेता ने शिकायत में लगाए गए सभी तर्कों और आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कोई 'अपराध या गलत काम' नहीं किया है। फडणवीस डेढ़ घंटे बाद अदालत परिसर से चले गए।
 
अदालत ने मामले में अंतिम दलीलों के लिए छह मई की तारीख तय की है। वकील सतीश उके ने फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग करते हुए आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि भाजपा नेता के खिलाफ 1996 और 1998 में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनावों से पहले अपने चुनावी हलफनामे में इस जानकारी का खुलासा नहीं किया था। उके को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था जिसके बाद से वह फिलहाल जेल में हैं।