इंदौर ।    गांधी हाल परिसर में श्वान अपने मुंह में नवजात के शव को दबाकर ले जा रहा था। आसपास के लोग यह दृश्य देखकर चकित रह गए। कुछ लोग मदद के लिए वहां आए और उन्होंने श्वान से नवजात को छुड़वाया। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के अनुसार गांधी हाल परिसर में नवजात का शव दफनाया गया था। जिसे श्वान ने खोदकर बाहर निकाला। मौके पर जाकर देखा तो बच्चे के हाथ में महाराजा तुकोजीराव अस्पताल की पर्ची लगी हुई थी। इसके बाद अस्पताल से जानकारी ली गई तो पता चला कि नवजात की इलाज के दौरान मौत गई थी। शव मंगलवार सुबह करीब 8.30 बजे उसके पिता को सौंप दिया था। दरअसल नवजात के माता-पिता मौत के बाद उसे किसी अन्य महिला को दफनाने के लिए देकर गए थे। जिसने यहां दफना दिया होगा। जांच अधिकारी ने बताया कि गांधी हाल के चौकीदार ने सूचना दी कि नवजात को श्वान लेकर यहां आया है। वहां पहुंचे तो कपड़ा ढंका हुआ था। इसके बाद आसपास में जांच की। पता चला कि 24 फरवरी दुर्गा पत्नी बाबूलाल ने नवजात को आगर-मालवा के अस्पताल में जन्म दिया था। उसे इलाज के यहां लेकर आए थे। जिसके बाद 28 को उसकी मौत हो गई थी। शव को स्वजन को सौंप दिया था। नवजात के पिता ने पूछताछ में बताया कि एक महिला आई थी। उसने बोला कि इसे नगर निगम को दे देंगे। इसलिए हम सौंप कर चले गए। फिलहाल पुलिस महिला की तलाश कर रही है, जिसने बच्चे को दफनाया है।

इनका कहना है

सूचना मिली थी कि एमटीएच से नवजात को श्वान उठा ले गया है और नोच-नोच कर उसे मार दिया। जांच की तो पता चला कि जिला अस्पताल आगर में बच्चे का जन्म हुआ था। इलाज के लिए गंभीर अवस्था में एमटीएच लाया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसके पिता बाबूलाल को हमने नवजात का शव सौंप दिया था। यह चार दिन का बच्चा था। उन्होंने ठीक से दफनाया नहीं होगा।

- डा. पीएस ठाकुर, अधीक्षक, एमवाय अस्पताल