वाराणसी| प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के ²ष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए वाराणसी 17 नवंबर से महीने भर चलने वाले 'तमिलनाडु समागम' की मेजबानी करेगा।

महीने भर चलने वाले इस उत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक, औद्योगिक, भोजन, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि और अन्य क्षेत्रों का आदान-प्रदान होगा।

महीने भर चलने वाले इस आयोजन के लिए शिक्षा विभाग नोडल एजेंसी है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार ने नोडल विभाग बनाया है।

कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए जिला प्रशासन ने संस्कृति, शिक्षा, पर्यटन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक की।

तमिलनाडु से हर वर्ग के लोगों को दो दिन के अंतराल पर 200-250 के समूह में लाया जाएगा। समूहों को धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं, संगीत सहित सांस्कृतिक और कला जैसी 12 श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा।

छात्र और शिक्षक शिक्षा और आध्यात्मिक समूहों के अंतर्गत आएंगे, जबकि विभिन्न हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के कारीगर ओडीओपी समूह के अंतर्गत आएंगे।

किसान कृषि समूह के अंतर्गत आएंगे, और व्यापारी उद्योग और व्यापार समूह के अंतर्गत आएंगे। हेरिटेज ग्रुप के तहत ऐतिहासिक धरोहर से जुड़े लोगों का समूह काशी आएगा।

बातचीत स्थानीय समूहों और समान श्रेणियों के विजि़टिंग समूहों के बीच आयोजित की जाएगी। शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम बीएचयू में होंगे, जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम अस्सी क्षेत्र में होंगे।

डॉक्टरों के कार्यक्रम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भवन में होंगे, जबकि टीएफसी में कारीगर और बुनकरों के कार्यक्रम होंगे।

इसके अलावा, तमिलनाडु और काशी के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए, दोनों जगहों के भोजन, लोक कला और संस्कृति कार्यक्रम भी एक साथ आयोजित किए जाएंगे।