भोपाल । भोपाल के आईएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) में बसों के संचालन और बस अड्डे के संधारण की जिम्मेदारी भोपाल नगर निगम के पास है। इसके लिए निगम द्वारा बस अड्डे में आने वाली बसों से अनुरक्षण शुल्क की वसूली होती है। लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ये नगर निगम को पूरा राजस्व मिल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आइएसबीटी से करीब 400 बसों का संचालन हो रहा है, लेकिन 180 बसों का अनुरक्षण शुल्क ही वसूल हो रहा है। इससे भोपाल नगर निगम को प्रतिदिन आठ हजार रुपये का नुकसान होता है। इसके बाद निगम ने अब आइएसबीटी में अनुरक्षण शुल्क वसूलने की जिम्मेदारी निजी कंपनी को देने का निर्णय लिया है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं।
संबंधित अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में कंपनी को करीब 24 लाख रुपये सालाना की कमाई हो रही है। इसी को ध्यान में रखकर टेंडर जारी किया गया है। जिसमे न्यूनतम आफर मूल्य 25 लाख रुपए रखा गया है। वर्तमान में यह काम बीसीएलएल ने जोन क्रमांक 12 को सौंप रखा है। जहां से नियमित वसूली कंपनी के खाते में जमा हो रही है।वर्तमान में औसतन 180 के करीब बसों से आईएसबीटी बस स्टैंड पर आने का 40 रुपये प्रति बस के मान से अनुरक्षण शुल्क वसूला जा रहा है।
आइएसबीटी बस स्टैंड पर रोजाना करीब 50 बसे स्टे करती है। कंपनी इनसे रात में बस खड़ी करने का 100 रुपये चार्ज करेगी। हालांकि नियमो में अभी भी यह शुल्क प्रचलन में है लेकिन ज़ोन अमले द्वारा इस अपनी वसूली में दर्शाया नहीं गया है। अब जिस एजेंसी को कम दिया जाएगा वह सख्ती के साथ वसूली करेगी।