मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भारत-नेपाल सीमा पर 1621 करोड़ रुपये की लागत से 64 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। गृह मंत्रालय ने 13 वर्ष बाद भारत-नेपाल सीमा पर सड़क बनाने की सैद्धांतिक सहमति दी है। इससे भारत-नेपाल सीमा पर सात जिलों में सड़क निर्माण होगा। 11 अंडरपास व फ्लाईओवर भी बनेगा।

पीलीभीत में पिलर संख्या सात बंदरभोज, पिलर संख्या 42 शारदा पुरी बाजार घाट तक 39 किलोमीटर सड़क बनने से दर्जनों गांव के निवासियों का सफर आसान होगा। पीलीभीत से लेकर लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज तक कुल 64 किलोमीटर सड़क का निर्माण जल्द शुरू किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना के अधिशासी अभियंता संजीव जैन ने बताया कि 2.8 किलोमीटर लंबाई के लघु सेतु का निर्माण, पीलीभीत में 37.13 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की गई थी। इस पर 31 जुलाई, 2023 को भारत सरकार ने अपनी सहमति दे दी थी, जबकि 27 जुलाई, 2023 को वन्य जीव संस्थान देहरादून के अधिकारियों से वार्ता हुई थी, जिसके बाद सड़क पर 11 अंडरपास बनाए जाने की सहमति दी गई है।

सड़क पर वन्यजीवों के आने-जाने के लिए 11 अंडरपास बनाए जाएंगे। इसके अलावा एक फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। सड़क निर्माण का प्रस्ताव वर्ष 2010 का था, जिस पर वन विभाग की एनओसी न मिलने की वजह से परियोजना फंसी थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार व वन विभाग के अधिकारियों से वार्ता की थी। गृह मंत्रालय ने शारदा नदी के पुल निर्माण पर भी सहमति दे दी है, जिसे डीपीआर में शामिल कर लिया गया है।