नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ‎अब राजधानी में रुक-रुककर चल रही योजनाओं को रफ्तार ‎‎मिल सकती है। अफसरों ने सरकार की योजनाओं को प्राथमिकता में नहीं रखा। बजट की योजनाओं पर भी धन आवंटन रोक दिया गया, जिससे बीते वर्ष रोजगार बजट की योजना परवान नहीं चढ़ सकी। शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार से जुड़ी कई योजनाओं की फाइल अफसरों ने आगे नहीं बढ़ाई। कई बार कर्मचारियों के अनुबंध पर असर पड़ा तो कई नई योजनाएं शुरू ही नहीं हो पाई। अधिकारियों पर सरकार के अधिकार स्पष्ट नहीं होने का असर योजनाओं पर पड़ा। सबसे ज्यादा दिक्कत अलग-अलग योजनाओं के लिए बजट आवंटन में आई। मोहल्ला क्लीनिक में दवाई की आपूर्ति और जांच रुक गई थी। वित्त विभाग ने इसमें बजट रोक दिया था। जल बोर्ड की कई योचनाओं पर इसका असर पड़ा। बजट में आवंटन के बाद भी वित्त विभाग ने पैसा जारी नहीं किया। राजधानी के कई अस्पतालों में डाटा एंट्री ऑपरेटर का अनुबंध नवीकरण नहीं किया गया। वित्त विभाग ने इसमें आपत्ति लगा दी थी। इसमें अध्ययन कराने का बात कही गई। मार्च में यह अनुबंध खत्म हो गया। इससे अस्पतालों में पर्चियां बनने में दिक्कत आ रही थी। अस्पतालों में लोगों की लंबी-लंबी लाइन लग गई। सरकार की जानकारी के बगैर चार माह में दो बार पीडब्लूडी सचिव को बदला गया। इससे सड़क और सौंदर्यकरण के कामों पर असर पड़ा।
बीते वर्ष सरकार ने रोजगार बजट जारी किया था। यह बजट फाइलों में ही अटक गया। दिल्ली डायलाग कमीशन ने सलाहकार के तौर पर इसका काम किया। दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल की पांच निविदाएं जारी होनी थी, लेकिन पर्यटन विभाग ने इसका कोई टेंडर जारी नहीं किया। इसके चलते रोजगार बजट की योजना परवान नहीं चढ़ सकी। पांच बाजारों के रिडेवलेपमेंट प्लान की फाइल अधिकारियों ने आगे नहीं बढ़ाई। अलग-अलग विभागों से इसके लिए एनओसी नहीं मिली और योजना पर काम नहीं शुरू हो पाया। बिजली सब्सिडी को लेकर जबरदस्त हंगामा रहा। सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव अधिकारियों ने सरकार के बगैर प्रस्ताव बना दिया था। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। प्रभारी मंत्रियों को फाइल दिखाए बगैर सीधे एलजी को फाइल भेजने का मुद्दा केजरीवाल ने कई बार उठाया। सरकार का कहना था कि योजनाओं में मंत्रियों की राय नहीं ली जा रही है। अधिकारी किसी भी तरह का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। डीईआरसी के चेयरमैन नियुक्त होने की फाइल चार माह से रुकी हुई है। इससे पिछले साल की बिजली दरें घोषित नहीं हो पाई।