बिलासपुर ।   साल का अंतिम दिन रविवार को अचानकमार टाइगर रिजर्व का बैगा रिसार्ट देखने लायक था। आकर्षक लाइटिंग के साथ पर्यटकों के लिए प्रबंधन ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें स्थानीय कलाकारों ने छत्तीसगढ़ गीत व नृत्य की ऐसी प्रस्तुति दी कि पर्यटक झूमने से खुद को नहीं रोक पाए। रात 12 बजे तक चले इस कार्यक्रम के बाद विशेष तौर पर बनाए गए केक को काटकर नए वर्ष की खुशियां बांटी गई। पुराने साल की विदाई व नए का भव्य स्वागत करने के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने शिवतराई स्थित बैग रिसार्ट में खास इंतजाम किया था। रिसार्ट में सांस्कृतिक कार्यक्रम की यह परंपरा कुछ साल पहले ही शुरू हुई है। अब धीरे-धीरे इस कार्यक्रम की भव्यता बढ़ती जा रही है। रविवार को यह देखने को मिला। प्रबंधन की तरफ से बैगा रिसार्ट को लाइट से सजाया गया था।

मुख्य द्वार से लेकर रिसार्ट परिसर में रंग-बिरंगी लाइटों को इस तरह लगाई गई थी कि पर्यटकों का मन गदगद हो गया। शहर से दूर जंगल के शांत वातावरण में जब इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई तो पर्यटकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कार्यक्रम स्थल पर अलाव भी जलाया गया, ताकि पर्यटकों को ठंड न लगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भरपूर मजा उठा सके। शिवतराई के अलावा आसपास गांव के कलाकार छत्तीसगढ़ वेशभूषा में रिसार्ट पहुंचे। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। पर्यटकों ने ग्रामीण कलाकारों की हर एक प्रस्तुति पर तालियों से हौसला बढ़ाया। इतना ही नहीं प्रबंधन के साथ-साथ पर्यटकों की तरफ से भी उन्हें पुरस्कार दिया गया। रात आठ से 12 बजे तक कार्यक्रम का सिलसिला चलता रहा। जैसे ही रात 12 बजे उस विशेष को काटा गया, जिसे खास तौर में तैयार कराया गया था। इस केक में उन वन्य प्राणियों को दर्शाया गया, जो एटीआर के अंदर है। इतना ही नहीं केक में अचानकमार टाइगर रिजर्व का प्रवेश द्वार भी था। यह खास केक सभी को पसंद आया।

आज सफारी के लिए सभी गाड़ियां बुक

शहर के हो-हल्ला से दूर जंगल व वन्य प्राणियों से प्रेम रखने वाले पर्यटकों ने नए साल का जश्न एटीआर में मनाने की तैयारी की। अधिकांश पर्यटक रविवार सुबह से ही यहां पहुंच गए। दिन में सफारी की और जंगल व वन्य प्राणियों को लुत्फ उठाया। एक जनवरी को भी यही स्थिति रहेगी। सभी गाड़ियां सफारी के लिए बुक हैं।