सुबह साढ़े 11 बजे मीटिंग की शुरुआत 'वंदे मातरम' के गायन के साथ हुई। इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई। प्रश्नकाल शुरू होने से पहले महापौर राय बोलने के लिए उठीं। उन्होंने नीमच में लगाने जाने वाले सौलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट पर अपनी बात रखी। उन्होंने विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। महापौर ने कहा कि लोन लेने के बावजूद निगम फायदे में रहेगा। यह शहर हित का प्रस्ताव है। उन्होंने निगम कमिश्नर से प्रोजेक्ट में नवकरणीय ऊर्जा विभाग के पांच एक्सपर्ट की टीप लेने की बात कहीं। वहीं, महापौर ने एजेंडे के बारे में भी बताया। इसके बाद एजेंडे से विंड एनर्जी के प्रस्ताव को हटा दिया गया।एजेंडे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए। कांग्रेसी पार्षद दूसरी बार अध्यक्ष की कुर्सी के सामने पहुंच गए तो बीजेपी ने बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पास करने की मांग की। आखिरी में एजेंडा पास कर दिया गया।                                                                                                                                        अवैध टॉवर, अतिक्रमण और आवास को लेकर हंगामा
भोपाल नगर निगम परिषद की तीसरी मीटिंग हंगामेदार और चौंकाने वाली रही। कांग्रेसी पार्षदों ने 4 घंटे में 2 बार अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी की कुर्सी घेरी। वहीं, मीटिंग शुरू होने से पहले विंड एनर्जी प्रोजेक्ट को वापस लेने का फैसला चौंकाने वाला रहा। विंड एनर्जी प्रोजेक्ट को लेकर पिछली मीटिंग में काफी हंगामा हुआ था। इसके बाद अध्यक्ष ने इसे लौटा दिया था और संशोधन करने के बाद पेश करने को कहा था। हाल ही में हुई एमआईसी की मीटिंग में इसे पास करते हुए परिषद की मीटिंग में रखने का फैसला किया गया था। इसके चलते एमआईसी मेंबर और बीजेपी पार्षद अपनी बात रखने के लिए पूरी तैयारी से आए थे। बताया जाता है कि एजेंडे से प्रस्ताव को वापस लेने की जानकारी अध्यक्ष समेत कई पार्षदों को भी नहीं थी।बता दें कि पिछली मीटिंग 3 नवंबर को हुई थी। इसमें भी विंड का प्रस्ताव रखा गया था, जो अध्यक्ष सूर्यवंशी ने पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था। वहीं, आसंदी से दिए निर्देश का पालन करने को कहा था। तब मीटिंग में कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा किया था। कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी ने प्रोजेक्टर पर प्रोजेक्ट के फायदे भी बताए थे। फिर भी अध्यक्ष और पार्षद संतुष्ठ नहीं हुए थे। हालांकि, इस मीटिंग में विंड प्रोजेक्ट शामिल किया गया। इसके कुछ दिन पहले हुई एमआईसी की मीटिंग में भी इसे मंजूर कर दिया गया था, लेकिन मीटिंग के शुरुआत में ही महापौर ने प्रस्ताव वापस लेने की बात कह दी।
विंड एनर्जी के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा शुरू
           महापौर के संबोधन के बीच विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी को बैठने और महापौर को संबोधन जारी रखने की बात कहीं। महापौर ने विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के एजेंडे को आगे बढ़ाने की बात कहीं। इस पर नेता प्रतिपक्ष जकी, पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्‌डू चौहान, समर हुजूर ने पूछा कि अभी एजेंडा तो हट जाएगा, लेकिन क्या आगे फिर से बैठक में इसे लाया जाएगा? बीजेपी के पार्षद रवींद्र यति ने भी अपना पक्ष रखा।नगर निगम की मीटिंग में अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के सामने पहुंचे कांग्रेस पार्षद।
अवैध मोबाइल टॉवरों को लेकर भी हंगामा नेता प्रतिपक्ष समेत पार्षद अजीजउद्दीन, पप्पू विलास आदि पार्षदों ने अवैध मोबाइल टॉवरों का मुद्दा उठाया। पार्षद अजीजउद्दीन ने कहा कि शहर में 600 से ज्यादा अवैध टॉवर लग गए हैं। इसमें निगम के अफसर-कर्मचारी भी शामिल हैं। ये बड़ा घोटाला हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि घोटाले को शह देने वालों के नाम की शिकायत लोकायुक्त में की जाएगी। इस पर बीजेपी पार्षदों ने भी हंगामा कर दिया।

करीब एक घंटे पक्ष-विपक्ष के बीच मुद्दों पर नोंकझोंक होने के बाद साढ़े 12 बजे से प्रश्नकाल की शुरुआत हुई। पार्षद प्रवीण सक्सेना ने कर्मचारियों के वेतनमान समेत रिक्त पदों का विषय उठाया। उन्होंने पिछले एक साल के आय-व्यय का पत्रक सदन में रखने की मांग की। इसका जवाब देने के लिए एमआईसी सदस्य रवींद्र यती उठने लगे तो विपक्ष ने आपत्ति ली। कहा कि लोकहित के विषयों पर महापौर ही जवाब दे सकती है। कुछ देर तक बहस हुई। हालांकि, पार्षद सक्सेना ने कहा कि यदि एमआईसी मेंबर जवाब देना चाहते हैं तो दे दें। इसके बाद यती ने जवाब देना शुरू किया। जवाब को लेकर नेता प्रतिपक्ष जकी संतुष्ट नहीं दिखाई दी।

पार्षदों के कई सवाल ऐसे थे, जो पुरानी परिषद से जुड़े थे। जिसका जवाब एमआईसी मेंबर यती ने पढ़कर सुनाया। उन्होंने प्रश्न का सबसे लंबा जवाब दिया। सदन के समय को देखते हुए अध्यक्ष ने लिखित में जवाब देने की बात कहीं।
दूसरा प्रश्न नेता प्रतिपक्ष जकी ने उठाया। उन्होंने भी कर्मचारियों की नियुक्ति मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने अपने प्रश्न का उत्तर महापौर से ही चाहा। महापौर ने एमआईसी मेंबर मनोज राठौर द्वारा उत्तर पढ़े जाने की बात कहीं। इसके बाद राठौर ने प्रश्न का जवाब दिया। उन्होंने नियमितीकरण की कार्रवाई शुरू होने जाने की बात कहीं।

वार्ड-23 से कांग्रेस पार्षद लईका रफीक कुरैशी ने प्रश्न पूछा कि किन वार्डों में सीवेज का काम किया जा रहा है। मेंटेनेंस, भुगतान, एजेंसी आदि को लेकर भी जवाब चाहा। एमआईसी मेंबर यती ने इस प्रश्न का जवाब दिया। तालाब के संबंध में चौथा प्रश्न भी पार्षद कुरैशी ने ही पूछा। इसका जवाब एमआईसी मेंबर यती ने दिया।

कांग्रेस पार्षदों ने सीवेज, आवास, कर्मचारियों के नियमितीकरण आदि से जुड़े प्रश्न पूछे।
पार्षद गुड्‌डू चौहान ने आवास से जुड़ा प्रश्न पूछा था। इसका जवाब एमआईसी मेंबर छाया ठाकुर ने दिया। बीजेपी पार्षद बृजला सचान, गिरजा खटीक, बाबूलाल यादव, अरविंदकुमार वर्मा ने भी आवास योजना को लेकर सवाल खड़े किए। कहा कि आचार संहिता के दौरान आवासों का आवंटन नियम विरुद्ध है। इसलिए जांच कमेटी बनाई जाए। महापौर राय ने कहा कि इस मुद्दे पर एक बार चर्चा हो चुकी है। जांच करवाई जा रही है कि आवास जिसे आवंटित है, वही रह रहा है या कोई और। सीनियर पार्षद सुरेंद्र बाड़िका ने जांच कमेटी में पार्षदों को भी शामिल किए जाने का सुझाव दिया।

पार्षद नाहिद शाह ने यांत्रिकी एवं विद्युत शाखा से जुड़ा सवाल पूछा। जिसका जवाब एमआईसी मेंबर अशोक वाणी ने जवाब दिया।
पार्षद द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते एमआईसी मेंबर राजेश हिंगोरानी।
पार्षद शिरीन खान ने विधानसभावार स्ट्रीट लाइट की संख्या, मेंटेनेंस पर खर्च होने वाली सलाना राशि, ये किन कंपनियों की है, गारंटी-वारंटी कितने वर्ष की है, बिजली बिल आदि के बारे में पूछा। इसका जवाब एमआईसी मेंबर राजेश हिंगोरानी ने दी।

गरीबों के आवास के सवाल पर कांग्रेस-बीजेपी पार्षद आगे आए
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास आवंटित किए जाने का मुद्दा उठा। कांग्रेस पार्षद गुड्‌डू ने यह मुद्दा उठाया। उनके साथ बीजेपी पार्षद भी आगे आए। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के दौरान ही मकानों का अलार्टमेंट कर दिया गया। पात्रता रखने वालों को आवास ही नहीं मिले। मामले में निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कहा कि कहीं आवास योजना की आड़ में कहीं कोई माफिया तो सक्रिय नहीं है। महापौर मालती राय ने कहा कि पहले से जांच करवाई जा रही है। दोपहर पौने 2 बजे तक प्रश्नकाल चला। इसके बाद सदन स्थगित कर दिया गया
भोपाल नगर निगम की मीटिंग में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटन प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए। इस पर कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय पार्षद एकजुट हो गए।
भोपाल नगर निगम की मीटिंग में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटन प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए। इस पर कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय पार्षद एकजुट हो गए।
दूसरी बार फिर अध्यक्ष के सामने पहुंचे कांग्रेसी पार्षद

                                       निगम की मीटिंग पौने 3 बजे से फिर शुरू हुई और एजेंडे पर चर्चा की गई, लेकिन हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेसी पार्षदों ने सिर्फ नरेला विधानसभा में काम कराए जाने पर नाराजगी जताई और अध्यक्ष की कुर्सी के आगे दूसरी बार पहुंच गए। इधर, बीजेपी पार्षद भी सामने आ गए। उन्होंने एजेंडे पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए बहुमत के आधार पर एजेंडा पास करने की मांग की। बाद में बहुमत के आधार पर एजेंडा पास कर दिया गया। बैठक 4 घंटे तक चली। इस दौरान तीन बार हंगामा हुआ और दो बार कांग्रेसी पार्षद अध्यक्ष की कुर्सी के सामने आ गए।

एजेंडे पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने मांग की कि भोपाल की सभी विधानसभाओं में बराबर काम कराए गए। पक्षपात न करें। या फिर 58 करोड़ रुपए सभी विधानसभाओं में बांटा जाए। निर्दलीय पार्षद पप्पू विलास, पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्‌डू चौहान ने सभी वार्डों में बराबर काम करने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि हमारे वार्ड के विकास कार्यों की फाइलें पड़ी हुई हैं, लेकिन मंजूर नहीं की जा रही।

सबसे आखिरी में महापौर मालती राय का संबोधन हुआ। उन्होंने एजेंडे के बारे में अपनी बात रखी।
सबसे आखिरी में महापौर मालती राय का संबोधन हुआ। उन्होंने एजेंडे के बारे में अपनी बात रखी।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जकी ने कहा कि पहले के महापौर कृष्णा गौर, आलोक शर्मा विकास कार्यों में भेदभाव नहीं करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। विकास कार्यों को लेकर चर्चा तक नहीं की गई।

मालती राय बोलीं- मैं भोपाल की महापौर हूं: आखिरी में महापौर राय बोलीं। एजेंडा जारी होने के बाद विपक्ष महापौर को 'नरेला की महापौर' बता रहा था। इसका जवाब भी मेयर राय ने दिया। उन्होंने कहा कि मैं भोपाल की महापौर हूं। सभी जगह विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।