ब्रह्माकुमारीज के क्षेत्रीय मुख्यालय राजयोग भवन भोपाल में स्कूल शिक्षकों के लिए मूल्य आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय मुख्यालय राजयोग भवन E-5 अरेरा कॉलोनी भोपाल में स्कूल शिक्षकों के लिए मूल्य आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय था आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज का निर्माण । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव देवी भ्राता श्री अवधेश प्रताप सिंह उपस्थित थे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, भ्राता संजय गोयल जी, लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक भ्राता के.के. द्विवेदी जी उपस्थित थे।                                                                                                                                                मुख्य अतिथि के रूप में अपना उद्बोधन देते हुए देवी भ्राता श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश विधानसभा ने कहा कि आज के समय में मूल्य एवं आध्यात्मिकता लोगों के जीवन से दूर होते जा रहे हैं। जिसका परिणाम है कि आज घर-घर में दुख अशांति भय का माहौल निर्मित हो गया है। अगर हम एक स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज का निर्माण करना चाहते हैं तो हमें आध्यात्मिक रूप से सशक्त होने की आवश्यकता है। ब्रह्माकुमारीज द्वारा चलाया जा रहा आध्यात्मिक सशक्तिकरण का यह अभियान अवश्य ही हमारे देश को एक दिन विश्व गुरु बनाएगा।                                                                                                                                                                                                          विशिष्ट अतिथि के रूप में उद्बोधन देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, भ्राता संजय गोयल जी ने कहा कि वास्तव में अगर हम दूसरों की कमियां देखने की बजाय अपनी कमियों का वर्णन औरों के आगे करते हैं तो लोग हमारे अंदर की विशेषताओं को देखने का प्रयास करते हैं और विशेषताओं को देखना अर्थात गुण ग्राहक बनाना यही आध्यात्मिकता है। अध्यात्म हमें स्वयं की व औरों की विशेषताओं को देखने की प्रेरणा देता है अच्छाई की दिशा में हमें आगे बढ़ाता है । आध्यात्मिक सशक्तिकरण से ही हम स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते है।    देवी भ्राता श्री के. के. द्विवेदी जी ने भी ब्रह्मा कुमारीज द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वास्तव में अगर मूल्य की शिक्षा लेना हो तो ब्रह्मा कुमारीज एक सशक्त माध्यम है क्योंकि ब्रह्मा कुमारीज में प्रातः उठने से लेकर रात्रि सोने तक के दिनचर्या के लिए जीवन मूल्य का वर्णन किया जाता है और शिक्षाएं दी जाती है । ब्रह्माकुमारीज के अनुयायियों में यह बातें चरित्रार्थ होते दिखती है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                मुख्य वक्ता के रूप में अपना वक्तव्य देते हुए मूल्य शिक्षा की क्षेत्रीय संयोजिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी किरण दीदी ने कहा कि वास्तव में जो हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली थी वह जीवन मूल्यों को जीवन में अपनाने का एक बेहतर तरीका सिखाती थी । आज की शिक्षा प्रणाली में मूल्यों का अभाव स्पष्ट दिखाई पड़ता है।अगर को हम दोबारा हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति को अपना ले तो हम मूल्य निष्ट समाज की स्थापना कर सकेंगे और निश्चित ही आध्यात्मिकता इसका आधार है। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अवधेश दीदी में आशीर्वचन देते हुए कहा की आध्यात्मिकता हमें स्वयं का परिचय देता है उस परम सत्य का परिचय देता है और उससे संबंध जोड़ने में हमें सहयोग प्रदान करता है । उन्होंने कहा जिस प्रकार तन को स्वस्थ रखना आवश्यक है ठीक उसी प्रकार हमारे मन और बुद्धि को भी स्वस्थ एवं सशक्त बनाना आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा की ब्रह्माकुमारीज द्वारा सिखाया जा रहा राजयोग ध्यान अभ्यास हमारे मन और बुद्धि को सशक्त बनाता है और जीवन में मूल्यों को धारण करने की शक्ति प्रदान करता है । कार्यक्रम के दौरान तक्षशिला शिक्षण समुह की निर्देशिका डॉक्टर प्रीती उपाध्याय, डॉक्टर दामोदर जैन,  डॉक्टर मंडलोई, डॉ बिंद्रा , डॉ प्रतिमा सिंह ने भी अपनी शुभ प्रेरणाएं प्रस्तुत की। देवी बहन आकांक्षा श्रीवास्तव ने स्वागत गायन तथा कुमारी काव्य गोस्वामी ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। ब्रह्माकुमार सुखेंद्र ने कार्यक्रम के लक्ष्य एवं उद्देश्य को सभी के समक्ष स्पष्ट किया। ब्रह्माकुमार दीपेंद्र ने पधारे हुए सभी अतिथियों एवं शिक्षकगणों का आभार प्रदर्शन किया। ब्रह्माकुमारी सरिता बहन ने कुशल मंच संचालन किया। ब्रह्माकुमारी आकृति बहन ने सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया एवं खुशबू बहन ने एक्टिविटी के माध्यम से मूल्यों की धारणा को स्पष्ट किया।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      बीके इंजी नरेश बाथम

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