भोपाल में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में एथलेटिक्स की 3000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण और 1500 मीटर का रजत पदक जीतने वाली मध्य प्रदेश की युवा प्रतिभाशाली एथलीट बुशरा खान इस बात का जीता-जागता प्रतीक हैं कि राज्य में महिलाओं के बीच खेल संस्कृति तेजी से बढ़ रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने बीते कुछ सालों में खेल के बुनियादी ढांचों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और खेल आयोजनों में निवेश कर महिलाओं के बीच खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही कारण है कि सीहोर जैसे छोटे से शहर की बुशरा आज प्रदेश का नाम रोशन करने में कामयाब हुई हैं।

महज 11 साल की आयु में सीहोर से भोपाल के खेल अकादमी में लाई गईं बुशरा का सरकार के सहयोग और समर्थन की बदौलत उत्थान हुआ है। बीते साल मई में अपने पिता के देहांत के बाद बुशरा ने खेलों को अलविदा कर दिया था, लेकिन राज्य की खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने उन्हें आत्मविश्वास और आत्मबल दिया और पूरे सहयोग का वादा किया। बुशरा इसके बाद फिर ट्रैक पर लौटीं और अपने पिता के सपने को पूरा करने की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया है।

बुशरा कहती हैं,- “मई में मेरे पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद मैंने खेल को छोड़कर सीहोर लौटने का फैसला किया, लेकिन खेल मंत्री मैडम ने मुझे अपने पास बुलाया और खूब समझाया। उन्होंने कहा कि तुम अगर ऐसे हिम्मत हारोगी तो अपने मरहूम पिता का सपना कैसे पूरा करोगी। आखिरकार वही तुम्हें खेलों में लाए थे। अब तुम्हारी जिम्मेदारी है कि तुम उनका सपना पूरा करो। तुम्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। सरकार से तुम्हें पूरा सहयोग मिलेगा और कोई दिक्कत होने पर तुम सीधे मुझसे मिल सकती हो”।

बुशरा का कहना है कि खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया व्यक्तिगत तौर पर खिलाड़ियों के संपर्क में रहती हैं और खिलाड़ी उनसे कभी भी संपर्क साध सकते हैं। बुशरा ने कहा,”मैडम सबका ख्याल रखती हैं। बुशरा ने बताया कि 1500 मीटर में जब उन्होंने रजत जीता तब मैडम ने मुझे बुलाया, उस समय उन्होंने कहा था कि अगले इवेंट में गोल्ड चाहिए।

बुशरा ने बताया, “हमारी अकादमी में मप्र के छोटे-छोटे शहरों के लड़के और लड़कियां हैं। हर किसी का बखूबी ध्यान रखा जाता है। हमें अच्छी कोचिंग मिल रही है और हमारे न्यूट्रीशन का पूरा ध्यान रखा जाता है। समय-समय पर मैडम (खेल मंत्री) हमारे पास आती हैं और हमारा फीडबैक लेती हैं। इससे हमें अच्छा लगता है और हम अधिक से अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित होते हैं। मैं अपने राज्य के लिए एक गोल्ड और एक सिल्वर जीतकर बहुत खुश हूँ। आज मेरे अब्बू चाहें जहाँ भी हैं, खुश होंगे। और यह सब मैडम के कारण संभल हो पाया है, जो हमें बच्चों की तरह मानती हैं”।

मध्यप्रदेश की निशिता और रिया हैं, जिन्होंने बीते दिनों महाकाल की नगरी उज्जैन में आयोजित लडकियों की आर्टिस्टिक पेयर योगासन इवेंट का स्वर्ण पदक जीता। साथ ही मप्र की महिला बास्केटबाल टीम ने इंदौर में कांस्य पदक जीता। इससे पहले म.प्र. के खिलाड़ियों में भोपाल में कयाकिंग और कैनोइंग के सभी पदक अपने नाम किए। यह राज्य में खेल संस्कृति के 360 डिग्री विकास का प्रतीक है, जहाँ बुशरा खान से लेकर निशिता और रिया जैसी महिला खिलाड़ी राज्य सरकार के सहयोग से अपना तथा राज्य का नाम रोशन करने लिए बिना किसी चिंता के दिन-रात मेहनत कर रही हैं।

 बिन्दु सुनील