उज्जैन ।   भूखंड आवंटन के एक मामले में लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) सीईओ, उनके ससुर सहित नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मार्च में मिली शिकायत के बाद लोकायुक्त ने जांच शुरू की थी। इसके बाद शनिवार को कायमी की गई। डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि डा. राहुल कटारिया निवासी सूरज नगर ने मार्च में लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को शिकायत की थी। इसमें कहा था कि वर्ष 2021 में यूडीए उज्जैन के चतुर्थ श्रेणी, बीपीएल कार्डधारी कर्मचारी मनीष यादव को एचआइजी श्रेणी का 216 वर्गमीटर का भूंखड़ ए-16/7 त्रिवेणी विहार नियम विरुद्ध आवंटित किया गया है। इससे यूडीए को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। मात्र 12 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारी द्वारा 30 लाख रुपये मूल्य का भूखंड कर्मचारी कोटे में 25 लाख रुपये में खरीदा गया है।

नियम विरुद्ध प्लाट का आवंटन

डीएसपी सुनील तालान ने जांच की तो सामने आया कि भूखंड के आवंटन में अनियमितताएं हुई है। भूखंड क्रय करने के दौरान बोली लगाने की ईएमडी. (प्रतिभूति राशि) सहित आवेदन के बाद तक 25.40 लाख रुपये का भुगतान महावीर यादव द्वारा किया गया है। महावीर यादव तत्कालीन सीईओ सोजनसिंह रावत के ससुर हैं। यूडीए की तत्कालीन गठित समिति सहित भुगतान की जांच करने वाले अधिकारियों व कर्मचारी द्वारा सीईओ रावत के प्रभाव में आकर नियम विरुद्ध आवंटन दिया।

ए टाइप का क्वार्टर भी दिया

मनीष यादव को 27 अप्रैल 2022 को अलखनंदा नगर योजना में निवास के लिए शासकीय क्वार्टर ए टाइप का पूर्णतः नियम विरुद्ध आवंटित किया गया। इस टाइप के आवास की पात्रता केवल राजपत्रित अधिकारियों को ही है, जबकि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को आवास रहने के लिए दिया गया।

एचआइजी प्लाट के बाद भी ले रहा था राशन

जांच में सामने आया कि बीपीएल कार्डधारी मनीष यादव ने एचआइजी श्रेणी का भूखंड खरीदा था। यादव बीपीएल कार्ड से पीडीएस का राशन भी प्राप्त कर रहा था। एचआइजी प्लाट आवंटन के बाद भी वह लाभ ले रहा था। खाद्य विभाग द्वारा 18 अक्टूबर 2022 को उसका कार्ड रद किया था।

कर्मचारी ने बताया उधार ली राशि

मनीष यादव ने लोकायुक्त को बताया कि उसने महावीर यादव से राशि उधार ली है, जबकि इसकी कोई सूचना या अनुमति उसने अपने विभाग से नहीं ली थी। यह सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के प्रविधानों का भी उल्लंघन हैं।

इन लोगों पर दर्ज किया केस

डीएसपी तालान के अनुसार, गड़बड़ी पाए जाने पर तत्कालीन यूडीए सीईओ सोजन सिंह रावत, स्थायीकर्मी मनीष यादव, महावीर यादव निवासी गुना, कार्यपालन यंत्री केसी पाटीदार, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री विनोद सिंघई, तत्कालीन योजना प्रभारी त्रिवेणी विहार नितिन यादव, समिति सदस्य व योजना प्रभारी मुकेश सोलंकी तत्कालीन संपदा अधिकारी जयदीप शर्मा, तत्कालीन सहायक संपरीक्षक सौरम कुमार दोहरे के खिलाफ धारा 7, 13 (1) ए. 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) व 409, 420, 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है।