मुरैना ।   चीता वीरा को लेकर गांव वालों ने बताया कि वीरा अभी भी उनके गांव के बाहर पहाड़ी पर छिपी बैठी है। उसने सुबह 6 बजे एक नीलगाय का शिकार किया। वह नीलगाय को खा ही रही थी, उसी समय कुछ गांव वाले जंगल की ओर गए, शोर सुनकर लगभग एक सैकड़ा से अधिक गांव वाले एकत्रित हो गए। वीरा इसके बाद भी गांववालों के भय से नहीं भागी। लगभग एक घंटे तक नील गाय के पास छिपी बैठी रही। इसके बाद जैसे ही कूनो नेशनल पार्क के रेंजर और वन स्टाफ उसके पास पहुंचे वह उन्हें देखकर वहां से भाग खड़ी हुई।  वन अमला यह सोचकर पहाड़ी पर नीलगाय का शव छोड़कर आया कि मादा चीता वीरा उसे खाकर गांव की तरफ नहीं आएगी। इसके बाद कूनो के रेंजर और वन अमला चला गया। मुरैना के जौरा का वन अमला एक गाड़ी के साथ वहीं रुका रहा, जोकि अभी भी रुका हुआ है। ग्रामीण जोगेंद्र जादौन ने बताया कि वह सुबह खेत में गए थे, तभी उन्होंने देखा कि नीलगाय घूम रही है। एक चीता पीछे से आया और उसने नीलगाय पर हमला बोल दिया। यह देखकर उन्होंने वहां से दौड़ लगा दी।

रात में टहलती दिखाई दी

गांव नरहेला के रामअवतार जादौन का खेत उस जगह के बिल्कुल पास में है, जहां वीरा ने नीलगाय का शिकार किया था। ग्रामीण रामअवतार ने बताया कि शनिवार की रात 12 बजे का समय था। उनके खेत में थ्रेसर चल रहा था, वह अपने खेत पर सोने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने देखा कि मादा चीता रात में वहां घूम रही थी। जैसे ही उन्होंने उसे देखा उनके शरीर में डर की वजह से सिरहन उत्पन्न हो गई और वे वहां से भाग आए।