कटनी जिले के बहोरीबंद में 1011.05 करोड़ रूपये की लागत की बहोरीबंद उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों के शुभारंभ,परियोजना से 151 गांवों की 32 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित, समृद्ध होंगे किसान
गोपालकृष्ण के नाम पर प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में भगवत गीता के 18 अध्यायों पर केन्द्रित बनेंगे गीता भवन
प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में वृंदावन के समान आदर्श गाँव बनाया जायेगा,मुख्यमंत्री ने की बहोरीबंद को नगर परिषद बनाने की घोषणा,55 करोड़ के विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमि-पूजन।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीराम अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान बहोरीबंद की पावन भूमि से होकर चित्रकूट गए थे। यह श्रीराम की तपोस्थली है। इस क्षेत्र की जनता को पिछले 40 वर्षों से जिस योजना का इंतज़ार था, वह आज पूरी होने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को कटनी जिले के बहोरीबंद में 1011.05 करोड़ रूपये की लागत की बहोरीबंद उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों के शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहोरीबंद परियोजना से कटनी जिले की 4 तहसीलों के 151 गांव की 32 हजार हेक्टयर ज़मीन सिंचित होगी। इससे हर खेत के लिए जल की हर बूँद का कृषक स्प्रिंकलर, ड्रिप आदि पद्धति से उपयोग कर सकेंगे। नहर बनाने के लिए ज़मीन का प्रयोग नहीं किया जाएगा सीधे ही पानी खेत के लिए उपलब्ध हो सकेगा। परियोजना से कटनी के नागरिकों को पेयजल आपूर्ति के प्रयास भी किये जाएगें। मुख्यमंत्री ने कटनी जिले में विकास के लिये 55 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहोरीबंद सिंचाई परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "ड्राप मोर क्रॉप" अर्थात पानी की बूंद-बूंद का उपयोग कर अधिकतम उत्पादन लेने के किये गए आहवान पर क्रियान्वित होगी। इसमें भूमि बचाव एवं जल बचाव के उद्धेश्य के साथ खेतों में पानी पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज बहोरीबंद की जनता होली और दिवाली एक साथ मना रही है। बारिश में भी कटनी के लोगों मे असीम उत्साह देखकर उनका हृदय प्रफुल्लित हो गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अयोध्या की तर्ज पर चित्रकूट धाम को भव्य और दिव्य बनाया जाएगा। गोपाल कृष्ण के नाम पर प्रदेश की सभी नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में भगवत गीता के 18 अध्यायों पर केन्द्रित गीता भवन बनाये जायेंगे। साथ ही हर विकासखण्ड में वृंदावन के समान आदर्श गांव बनाया जाएगा। बहोरीबंद को 15 वार्ड जोड़कर नगर परिषद बनाया जाएगा। जिले के गाताखेड़ा, जुझारी, जमुनिया, सिहरिया, बेजनाला, जमुन्हाई में जलाशय बनाने के साथ बहोरीबंद जलाशय का पुनरुद्धार करने और बहोरीबंद के प्राचीन तीर्थ रूपनाथ, तिगवा, बिलहरी, वसुधा जल-प्रपात,केन नदी के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहोरीबंद मे "हरिबाबा हरिदास" के नाम पर धर्मशाला बनाई जायेगी।

हितग्राहियों को हितलाभ वितरण:मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये। उन्होंने श्रीमदभागवत गीता का संस्कृत से हिंदी अनुवाद करने वाली बालिका सुश्री श्रद्धांजलि शुक्ला "अंजन" को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में बहोरीबंद की जनता की ओर से रजत मुकुट भेंट किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर आजीविका मिशन के महिला समूहों, ई-गवर्नेंस, कृषि, वन, महिला बाल विकास एवं उद्योग विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

जिले के प्रभारी तथा स्कूल शिक्षा मंत्री श्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि जिले की जनता के कल्याण व विकास के लिए वे प्रदेश सरकार के साथ एक सेतु के रूप में कार्य कर रहें है। इसके लिये वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हमारी सरकार ने प्रदेश के कल्याण के लिए पिछले आठ माह में बड़े-बड़े फैसले लिए है। सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि कटनी के कल्याण के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। कटनी जिले के 151 गाँव की तस्वीर और तकदीर बदलने वाली 1011.5 करोड़ की लागत की सिंचाई परियोजना का कार्य मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज शुरू किया है। इस परियोजना की मांग क्षेत्र की जनता लगातार कई वर्षों से कर रही थी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन अंतर्गत भी हर घर पेयजल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। परियोजना से सिंचाई के साथ पेयजल की सुविधा भी क्षेत्र के लोगों को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार हर नागरिक को सहज सुविधाएँ उपलब्ध करा रही है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक श्री प्रणय प्रशांत पांडेय, विधायक श्री संजय सत्येन्द्र पाठक, श्री संदीप जायसवाल, श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान, जनसमुदाय एवं लाड़ली बहनें उपस्थित रहीं।

क्षेत्र की जनता ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जताया आभार:कटनी जिले की चार तहसीलों क्रमशः बहोरीबंद, स्लीमनाबाद, रीठी एवं कटनी के 151 गांवों के लोगों को 1011.05 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली बहोरीबंद उद्वहन सिंचाईं परियोजना की सौगात मिलने पर क्षेत्र की जनता ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए आभार जताया है। स्थानीय किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दी गई इस बड़ी सौगात से किसानों के घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आयेगी। कटनी जिले के सिंचित भू-क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी। किसानों के असिंचित खेतों में इस परियोजना से पानी पहुंचेगा और किसान समृध्दि की नई इबारत लिखेंगे। स्थानीय बाकल निवासी कृषक श्री सुखदेव पटेल और कृषक श्री सुमेर ने पठार क्षेत्र के लिए उद्वहन सिंचाईं परियोजना को क्षेत्र की तस्वीर और किसानों की तक़दीर बदलने वाला कदम बताया है।

वहीं स्लीमनाबाद के वार्ड क्रमांक तीन के निवासी किसान पंडित सुखदेव प्रसाद दुबे ने उद्वहन सिंचाईं परियोजना को क्षेत्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दी गई अनुपम सौगात बताते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के सिंचित भू-क्षेत्र में वृद्धि होगी। इससे यहां के किसान खुश हैं। किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए मुख्यमंत्री का बहुत-बहुत अभिनंदन और आभार। ग्राम कुआं निवासी किसान श्री अमित साहू और श्री राम सुन्दर गुप्ता ने भी पठार क्षेत्र के किसानों के लिए सिंचाई की सौगात देने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

बहोरीबंद माईक्रो सिंचाई परियोजना के प्रमख तथ्य:इस परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति 1011.05 करोड़ रूपये की है। इससे कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील के 151 ग्रामों के कृषकों की 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी, जिससे बहोरीबंद तहसील के 86 ग्रामों की 18800 हेक्टेयर, स्लीमनाबाद तहसील के 43 गांवों की 9345 हेक्टेयर, रीठी तहसील के 17 गांवों की 2500 हेक्टेयर और कटनी तहसील के 5 गांवों की 1355 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचिंत हो सकेगी। इस परियोजना में बरगी बांध की दांई तट मुख्य नहर की आर.डी. 102.50 किलोमीटर ग्राम भनपुरा तहसील ढीमरखेड़ा से 128.50 एम.सी.एम 12.39 क्यूमेक्स जल उद्वहन कर 151 ग्रामों में सिचाई का लाभ मिलेगा। इससे भूमिगत पाईप नहर प्रणाली से 2.5 हेक्टेयर चक तक 23 मीटर दवाब युक्त जल उपलब्ध कराया जायेगा। इससे कृषकों द्वारा स्प्रिंकलर, ड्रिप लगाकर सिंचाई की जा सकेगी। इस पद्धति की खासियत यह होगी कि कृषकों को कम पानी में अधिक सिंचाई का लाभ एवं उत्पादन मिलेगा।

 

 एमएस उइके/मनोज श्रीवास्तव/बीके इंजी नरेश बाथम

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