नई दिल्ली । मध्य बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण पूर्व में चक्रवाती तूफान मोचा एक बहुत ही भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया है। आईएमडी ने कहा कि ‘मोचा’ पिछले छह घंटों के दौरान 9 किमी.प्रति घंटे की गति से उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। 
मौसम विभाग ने कहा कि इसके उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और तेज होने की संभावना है। इसके 14 मई की दोपहर के आसपास कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) और सितवे के करीब क्यौकप्यू (म्यांमार) के बीच तट को पार करने की संभावना है। ये 150-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान है। जिसमें हवा की रफ्तार 175 किमी. प्रति घंटे तक हो सकती है। यमन ने इस तूफान का नामकरण चक्रवात ‘मोचा’ (उच्चारण मोखा) किया है, जो शुक्रवार को अपनी तेजी पर आने वाला है। यमन ने लाल सागर के बंदरगाह शहर मोखा के नाम पर चक्रवात का नाम ‘मोचा’ (मोखा) रखा, जिसने 500 साल पहले दुनिया को कॉफी की सौगात दी थी। 
देश में जैसे ही चक्रवात मोचा ‘गंभीर’ हुआ, तभी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने बंगाल के दीघा में आठ टीमों और 200 बचावकर्ताओं को तैनात किया है। एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के कमांडेंट गुरमिंदर सिंह ने कहा कि ‘भविष्यवाणियों के अनुसार चक्रवात मोचा 12 मई को एक भयंकर तूफान और 14 मई को एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा।’ सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ के 200 बचावकर्मियों को जमीन पर तैनात किया गया है और 100 बचावकर्मी स्टैंडबाय पर हैं। 
मौसम विभाग ने कई पूर्वोत्तर राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की गति के कारण इन इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना है। त्रिपुरा और मिजोरम में 13 मई और 14 मई को अधिकांश स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। नागालैंड, मणिपुर और दक्षिण असम में 14 मई को बारिश होने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। 
उत्तर 24 परगना जिला प्रशासन तूफान की चेतावनी के मद्देनजर सुंदरबन इलाके में जरूरी कदम उठा रहा है। संदेशखाली-1, संदेशखाली-2, हिंगलगंज और मीनाखान सहित सुंदरबन के पास हर ब्लॉक में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। सिविल डिफेंस के जवान चौबीसों घंटे वहां तैनात रहने वाले हैं। एक अधिकारी ने कहा कि सिंचाई और बिजली विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां अगले एक सप्ताह के लिए रद्द कर दी गई हैं। इलाके के स्कूलों को शेल्टर के तौर पर तैयार किया जा रहा है। प्रखंड प्रशासन सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ कमजोर बांधों का निरीक्षण कर रहा है। 
संदेशखाली, हिंगलगंज और हसनाबाद क्षेत्रों में जहां कमजोर तटबंध हैं, वहां शीघ्र मरम्मत के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं स्थानीय पंचायतों को बांधों का दिन-रात निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। राहत शिविरों के साथ जिला तट के साथ कुल 56 चक्रवात आश्रयों को सक्रिय किया गया है और स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।