उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘मोका’ बंगाल की खाड़ी से अब बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा के पास पहुंच गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने बांग्लादेश में तेज हवाओं, बाढ़ और संभावित भूस्खलन की चेतावनी देते हुए कहा है कि मोका बहुत खतरनाक हो गया है। डब्ल्यूएमओ ने कहा कि यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर को प्रभावित कर सकता है।भारत के मौसम विज्ञान कार्यालय के अनुसार, चक्रवात मोका के रविवार (14 मई) दोपहर तक बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के पास लैंडफॉल करने की संभावना जताई गई है।

फिलहाल इन इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे (108 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।मौसम कार्यालय ने निचले तटीय क्षेत्र में दो से ढाई मीटर (छह से आठ फीट) के बीच तूफान बढ़ने की भविष्यवाणी की है। यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार का क्षेत्र है, जहां लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविर हैं। हालांकि, 2017 में म्यांमार में सैन्य नेतृत्व की कार्रवाई के बाद उनमें से ज्यादातर वहां से भाग गए थे।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता ओल्गा सर्राडो ने कहा कि जरूरत पड़ने पर शिविर को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसी हजारों लोगों के गर्म भोजन के पैकेट और जेरीकैन तैयार कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वह शिविरों के लिए 33 मोबाइल मेडिकल टीमों और 40 एंबुलेंस के साथ-साथ आपातकालीन सर्जरी और हैजा किट की तैयारी कर रहा है। वहीं, डब्ल्यूएचओ ने म्यांमार में अन्य आपूर्तियों के बीच पानी को साफ करने वाली पांच लाख गोलियों की व्यवस्था की है, जो पूरे मानसून मौसम का स्टॉक है।