वाराणसी। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में एक तरफ भव्य मंदिर का निर्माण तेज गति के साथ चल रहा है, तो दूसरी तरफ भगवान राम की मूर्ति निर्माण के लिए नेपाल की गंडकी नदी से दो विशालकाय शिला यानी देवशिला अयोध्या के कारसेवकपुरम में लाई गई हैं, जो इन दिनों आस्था का केंद्र बनी हैं। दरअसल, राम भक्तों के लिए अब रामसेवकपुरम देवस्थान बन गया है, जहां दूर-दराज से आ रहे श्रद्धालु पहले तो अयोध्या के मठ-मंदिर में दर्शन-पूजन कर रहे हैं, उसके बाद रामसेवकपुरम पहुंचकर अहिल्या रूपी पाषाण का दर्शन भी कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन करने में कोई असुविधा न हो, इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं और श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने विशालकाय शिला के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी है। वहीं यहां आने वाले प्रभु श्रीराम के भक्तों को प्रसाद भी वितरित किए जा रहे हैं। साथ ही साथ भक्तों की श्रद्धा और चढ़ावे को देखते हुए शिला के पास एक दानपात्र रखा गया है, ताकि रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए जो भी श्रद्धालु अपनी श्रद्धा निवेदित करना चाहते हैं, वह दान भी कर सकें।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा का कहना है कि यह अहिल्या रूपी पाषाण नेपाल की नदी से लाया गया है। नेपाल की गंडकी नदी से लाए गए विशालकाय पत्थर भगवान के स्वरूप होते हैं। राम भक्त अपनी श्रद्धा इस पत्थर पर दर्शन-पूजन के उपरांत निवेदित करते हैं। यह बहुत अच्छी बात है। भक्तों की आस्था को देखते हुए वहां पर प्रसाद की भी व्यवस्था की गई है। जो भी राम भक्त रामसेवकपुरम पहुंच रहे हैं, वह अहिल्या रूपी पाषाण का दर्शन-पूजन कर अपने आप को धन्य मान रहे हैं।
लखनऊ निवासी एक श्रद्धालु ने मीडिया को बताया कि जब से सुना था कि नेपाल की गंडकी नदी से दो विशालकाय पत्थर अयोध्या लाए जा रहे हैं, इन्हीं पत्थरों से भगवान की मूर्ति बनेगी तो मन में एक लालसा जगी की अयोध्या जाकर उस पाषाण रूपी पत्थर का दर्शन-पूजन करूं। आज देवशीला का दर्शन कर मन धन्य हो गया। वहीं एक श्रद्धालु का कहना था कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है। भगवान राम के मंदिर में अगर इसी पत्थर से प्रतिमा बनाई जाती है, तो हम लोगों के लिए सौभाग्य की बात है।