मध्य प्रदेश को योजनाओं के क्रियान्वयन के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर कृषि कल्याण एवं अन्य योजनाओं से जुड़े हुए विषयों पर प्रथम स्थान प्राप्त होता रहा है वहीं दूसरी ओर वर्ष 2023 के आते-आते मध्य प्रदेश की आर्थिक विकास दर को 2022 में 16.43 प्रतिशत आंका गया था परंतु पिछले 3 महीने के अंतराल में हुई प्रगति समीक्षा रिपोर्ट के अंतर्गत यह आंकड़ा अब 17.3 पर पहुंच गया है । मध्य प्रदेश की आर्थिक विकास दर महामारी के दौरान एक तरफ जहां विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों के बीच 18.02 पर पहुंच गई थी, 3 महीने के अंतराल में हुई विकास दर की प्रगति रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश के विकास को अलग ही पायदान पर खड़ा कर दिया है । वर्ष 2002-02 में प्रदेश की आर्थिक विकास दर मात्र 4.43 प्रतिशत थी आज वहीं आर्थिक विकास दर 17 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर चुकी है ।
आज राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रूपए होने का अनुमान है जो कि वर्ष 2001-02 में 71 हजार 594 करोड़ रूपए था। इस प्रकार सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में तब और अब में 18 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।

प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि 

2022-23 में मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 40 हजार 583 रूपए होने का तथ्य सामने आया है, वर्ष 2011-12 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 38 हजार 497 रूपये हुई थी, जबकि वर्ष 2001-02 में मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 11 हजार 718 रूपए थी। ऋण और जीएसडीपी अनुपात की चर्चा करें, तो इस क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश का प्रदर्शन अच्छा है। ताजा आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि वर्ष 2005 में जो ऋण जीएसडीपी अनुपात 39.5 प्रतिशत था वह वर्ष 2020-21 में 22.6 प्रतिशत रहा। राज्य का पूँजीगत व्यय 37 हजार 89 से बढ़ कर अब 45 हजार 685 करोड़ रूपये हो गया है। यह वृद्धि 23.18 प्रतिशत है और राज्य के इतिहास में सर्वाधिक पूँजीगत व्यय है। कोविड की परिस्थितियों में भी राज्य के राजस्व को बढ़ाने का प्रयास करते हुए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के विजन के साथ कार्य किया गया। गत तीन वर्ष में यह प्रतिवर्ष 7.94 प्रतिशत के कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ा है। राजकोषीय समेकन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में निरंतर राजस्व बढ़ाने का कार्य हुआ है। प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग के विस्तार का कार्य भी हुआ है।

कृषि विकास में नवीन ऊंचाइयां  

कृषि विकास दर से लेकर उद्योग और सिंचाई के मामले में ऐतिहासिक रूप से प्रगति के साथ-साथ मध्य प्रदेश में नई जीडीपी ग्रोथ रेट को नवीन ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है । जो प्रगति के नवीन सोपान को खड़ा करता है । 
किसानों को ऋण में 13.41 प्रतिशत और एमएसएमई क्षेत्र में 30.22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2001-02 में कृषि विकास दर सिर्फ तीन प्रतिशत थी, जो अब 19 प्रतिशत हो गई है। राज्य ने वर्ष 2013-14 में 174.8 लाख टन की तुलना में वर्ष 2022-23 के अग्रिम अनुमान में 352.7 लाख टन गेहूँ उत्पादन की सफलता और गेहूँ के निर्यात में मध्यप्रदेश की 46 प्रतिशत भागीदारी की उपलब्धि भी अर्जित की है। धान की पैदावार 53.2 लाख से बढ़ कर 131.8 लाख टन हो गई है।