फीफा का फैसला बेहद कड़ा
प्रशासकों की समिति ने चुनाव और संविधान से जुड़े मसलों पर सहमति के बावजूद फीफा की ओर से भारतीय फुटबॉल महासंघ को निलंबित करने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सीओए ने एक बयान में कहा- हम हैरान हैं कि फीफा का यह फैसला तब आया है, जब उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार फीफा-एएफसी, एआईएफएफ, सीओए और खेल मंत्रालय सहित सभी हितधारकों के बीच कुछ दिनों से व्यापक चर्चा चल रही थी। सीओए सुप्रीम कोर्ट के 3 अगस्त को दिए निर्णय के अनुसार चुनाव कराने के साथ ही हितधारकों से चर्चा कर रहे थे। सीओए ने कहा- खेल मंत्रालय के माध्यम से फीफा ने यह भी सुझाव दिया था कि कार्यकारी समिति में 23 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें छह प्रतिष्ठित खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं।