ग्वालियर ।    ग्वालियर जिले में बीते दो हफ्ते पहले हुई महिला के साथ साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मामले में इस वारदात को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि महिला से ठगे गए 51 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे, जिनमें से कुछ रकम पुलिस ने खातों में फ्रीज कर दी है। ग्वालियर में बीते दिनों पहले हुई 51 लाख की ठगी के मामले को लेकर पुलिस ने एसपी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और पूरे मामले का खुलासा किया। ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच ने शिकायतकर्ता के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जांच की, जिसमें पाया गया कि खातों में यह रुपये ट्रांसफर किए गए थे। वह सभी जम्मू-कश्मीर और गुजरात के थे और पूरी राशि यूएई के एक खाते में ट्रांसफर की गई थी।

इस पूरे मामले में जांच करते हुए पुलिस की साइबर सेल टीम ने संयुक्त अरब अमीरात से अन्य तकनीकी साक्षी जुटाए, जिसमें पता चला कि जिस बैंक खाते में यह रुपये ट्रांसफर कराए गए थे। वह एक भारतीय व्यक्ति कुणाल जायसवाल का बैंक खाता है, उसकी डिटेल निकालने पर पता चला के आरोपी छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले का रहने वाला है और टेक्निकल एक्सपर्ट है, जिसने यूएई में अपनी एक कंपनी खोली थी। बड़ी बात यह थी कि आरोपी अपनी कंपनी में काम करने वाले लोगों के खाते खुलवाकर उन खातों को खुद ऑपरेट करता था और इन खातों में साइबर फ्रॉड के जरिए पैसा ट्रांसफर करता था। वहीं, पैसा इन खातों से यूएई में खोले अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता था। इस तरह चाह कर भी किसी को उसे राशि के बारे में पता नहीं चल पाता था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने एक विशेष टीम बनाकर छत्तीसगढ़ भेजी, जहां आरोपी की पताशाजी और साइबर सेल की मदद से आप की लोकेशन ट्रैस की और उसे धर दबोचा। आरोपी से पूछताछ की गई तो उसके पास से कई एटीएम कार्ड अलग-अलग आधार कार्ड कई बैंक के पासबुक चेक बुक और लैपटॉप आईपैड मोबाइल और कई अन्य दस्तावेज पुलिस को मिले, जिन्हें जब्त कर लिया गया। साथ ही पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर अपने साथ ग्वालियर ले आई, जहां उसे अन्य धोखाधड़ी के मामलों की भी जानकारी जुटाई जा रही है।

पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह का कहना है कि चूंकि यह बहुत बड़ा फ्रॉड है और इसमें इंटरनेशनल एक्टिविटीज हुई हैं। इसलिए इन्वेस्टीगेशन का बड़ा पार्ट बाकी है और आरोपी भी रिमांड पर है। ऐसे में इस मामले की जांच बहुत बारीकी और सोच समझकर की जा रही है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पीड़ित महिला के साथ धोखाधड़ी करके इस राशि को ठगा गया है। कुछ राशि अभी पकड़े गए खातों में मौजूद हैं, जिन्हें फ़्रीज करा दिया गया है। वहीं, राशि का एक बड़ा हिस्सा खातों से निकल चुका है, इसलिए उसके रिकवरी के प्रयास भी किए जा रहे हैं। बता दें कि बीते 14 मार्च को ग्वालियर की रहने वाली रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर को मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम से डरा धमकाकर आरोपी ने क़रीब 51 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया था। आशा भटनागर को दो दिनों तक आरोपी ने हाउस अरेस्ट भी रखा था, अपने साथ हुई ठगी का एहसास होने पर रिटायर्ड शिक्षिका ने SP से मदद की गुहार लगायी थी।