नई दिल्ली । सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को इस प्रमुख सब्जी के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 800 डॉलर प्रति टन (67 रुपये प्रति किलोग्राम) का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय कर दिया। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा ‎कि विदेश भेजे जाने वाले प्याज का एमईपी 31 दिसंबर, 2023 तक 800 डॉलर प्रति टन किया जाता है। सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उठाया है। कम आपूर्ति के कारण राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 400 सफल खुदरा स्टोर वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुला प्याज बेच रही है। वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट पर यह 67 रुपये प्रति किलो और ओटिपी पर 70 रुपये प्रति किलो की दर पर है। स्थानीय विक्रेता 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रहे हैं। दिल्ली के कुछ इलाकों में प्याज की कीमतें 90 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। मंडी में विक्रेताओं का कहना है कि इसमें आगे 15-20 दिन अभी और तेजी जारी रहेगी। जानकारों की मानें तो प्याज की कीमतें 100 रुपये से ऊपर निकल सकती हैं। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज 65 रुपये किलोग्राम तक मिल रहा है। विक्रेता और खरीदारों के मुताबिक प्याज की कीमत में हर दिन तेजी हो रही है। उधर सरकार ने प्याज की कीमतों पर लगाम के लिए बफर स्टॉक से प्याज निकालना शुरू कर दिया है। प्याज की कीमतों में कमी की वजह असमान्य बरसात को बताया जा रहा है। कुछ इलाकों में बरसात बहुत अधिक हो जाने व कुछ इलाकों में बेहद कम बरसात होने से फसलें खराब हुई हैं। कर्नाटक में प्याज की फसलों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। प्याज की आवक के कम हो जाने व त्योहारों के सीजन में मांग बढ़ जाने के कारण कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है।