बिलासपुर ।  काव्य भारती कला संगीत मंडल  द्वारा संस्थापक दादा मनीष दत्त जी की स्मृति में भव्य आत्मीय आयोजन विकाश नगर 27 बिलासपुर स्थित पूर्व पार्षद अखिलेश बाजपेयी निवास में डॉ विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग एवं कुलपति के मुख्य अतिथि एवं काव्य भारती के अध्यक्ष पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी की अध्यक्षता एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ट साहित्यकार डॉ विजय सिन्हा की उपस्थिति में सोत्साह सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम में सबसे पहिले माँ सरस्वती का पूजन अर्चन व दीपप्रज्वलन के पश्चात दादा मनीष दत्त के चित्र पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ ।
 मुख्य अतिथि डॉ विनय पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि मनीष दत्त ने काव्य को संगीत बद्ध करके जो अनुपम कार्य कर दिखाया है,वह स्मारक व धरोहर के रूप में हमारे समक्ष है । डॉ पाठक ने आगे कहा कि काव्य को जब संगीत का पुट मिलता है तब वह जन जन के मन -मन में बसकर लोकप्रियता की दलहीज पर प्रभावी बन जाता है । इस परम्परा को प्रौन्नत करना आज की आवश्यकता है । इसी दृष्टि से बसंत पंचमी को मनीष दादा के स्मरण में प्रत्येक वर्ष उत्सव धर्मिता के रूप में मनाये जाने की परम्परा प्रचलित है ।
संस्था के महासचिव डॉ. विजय सिन्हा जी ने दादा के संस्मरणों को याद करते हुये संस्था का प्रतिवेदन रखा उन्होंने कहा कि मनीष दत्त संत थे तथा उनका आवास गुरुकुल व आश्रम के रूप में अवस्थित था । अव्हान किया जो भी साथी दादा की कार्ययोजना को करना चाहते है उन्हें हर स्तर पर सहयोग दिया जावेगा । उन्होंने समाज सेवी बाजपेयी परिवार के योग्यदान की भूरी भूरी प्रशंसा की । संस्था के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश बाजपेयी पूर्व विधायक ने आश्वस्त किया की मनीष दादा की इच्छा अनुसार हम सब मिलकर कार्य करेंगे । इस वर्ष का मनीष दत्त पुरस्कार गेड़ी कलाकार अनिल गढ़ेवाल को देने की घोषणा की ।
  काव्य भारती के वरिष्ठ कलाकार प्रो डॉक्टर किरण बाजपेयी, उपाध्यक्ष डॉ.सुप्रिया भारतीयन,श्रीमती सविता कुशवाहा,डॉक्टर अजिता मिश्रा,कान्हा सोनी,इच्छित मुखर्जी, कनक लता मिश्रा ,रीना पाल,एवं एस भारतीयन ने मनीष दत्त जी द्वारा संगीतबद्ध किये गए काव्य गीत-सखि बसंत आया,पिया आया बसंत,हाथ वीणा, आ रही हिमालय से पुकार ।वीरों का कैसा हो बसंत सुभद्रा कुमारी चौहान,सरस्वती वंदना सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, प्रिया आया बसंत फूल रस के झरे,गिरजा कुमार माथुर,विद्या पति,शिव मंगल सिंह सुमन हम उपवन का तुम जन मन का मधु कण कण देखो मालिन मुझे न तोड़ो,मेरे आँगन में भीड़ लगी है किसको कितना प्यार करूँ डॉ किरण बाजपेयी,सुमित्रा नंदन पंत रचित बना मधुर मेरा जीवन एवं शहीदों के श्रद्धांजलि गीत श्री कृष्ण सरल,महादेवी वर्मा,डॉक्टर सियाराम सक्सेना द्वारा रचित उपासमयी गायता एवं आओ आओ हे सत्य जैसे गीतों से बसंतोत्सव कार्यक्रम को भावमय कर दिया।इस अवसर पर पच्चीस बच्चों ने बसंत गीतों पर अभिनय,नृत्य की अनुपम प्रस्तुति बिखेर दी । काव्यभारती के सदस्यों से काव्यभारती के यूट्यूब चैनेल काव्य भारती मनीष दत्त को सब्सक्राइब करने की बात कही गयी।
अंत में संस्था के सदस्यों ने एक साथ पूजा,अर्चना,पुष्पांजलि कर पुलाव,झोझो पापड़ भोजन का आनंद लिया। अंत में आभार संस्था के कार्यालय सचिव गौरव गुलहरे ने व्यक्त किया । उक्त अवसर पर संस्था के अनेक सद चन्द्र शेखर बाजपेयी,जे पी सिंग,प्रभात मिश्रा.डॉ उषा किरण बाजपेयी,योगेश तिवारी,भुवनेश्वर चंद्राकर,रिखेंद्र तिवारी,अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी,मनोज शुक्ला,राजीव दीक्षित,रूपेश त्रिवेदी,मनहरन पूरी,ओम प्रकाश,डॉ रश्मि बाजपेयी,भावना बाजपेयी,श्रीमती उर्मिला सिन्हा,अंजली बाजपेयी,सुनील चिपड़े,अमितेश त्रिवेदी,चन्द्र शेखर देवांगन,एस कपूर,देवेंद्र सिंह ठाकुर,अभिषेक जायसवाल.बद्री प्रसाद कैवत्र्य,अर्पिता मुखर्जी, पूर्वी यादव, पल्लवी, साक्षी, आराधना, लावण्या, प्रज्ञा, सृष्टि, स्पर्शी, सुहास पाल, शेलेश सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह, रिया, प्रिया, रागनी,सरस्वती,रीती,आशी,बी पी सिंह. पंकज, आनंद,आँचल श्रीवास्तव,धीरेंद्र तिवारी,धरम कुमार सहित काफ़ी संखिया में कला प्रेमी नगर वासी उपस्थित रहे । उपस्थित जन समुदाय ने ऐसे साहित्यिक आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की ।