चेन्नई के 17 वर्षीय डी गुकेश ने प्रतिष्ठित कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में हिस्सा लिया था। हालांकि, अब कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट के अंतिम दौर में हिकारू नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद वह इस टूर्नामेंट के सबसे कम उम्र के विजेता बन गए हैं। इतना ही नहीं, वह विश्व शतरंज चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी भी बन गए हैं। वह कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए और विश्वनाथन आनंद के बाद यह टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए। नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद उनका टूर्नामेंट जीतना तय नहीं था। सबकुछ बियो कारुआना और इयान नेपोमनियाच्ची के बीच चल रहे अन्य मैच पर टिका था। इन दोनों में से जीतने वाला खिलाड़ी गुकेश के साथ टाई ब्रेकर खेलता। हालांकि, भाग्य गुकेश पर महरबान था, क्योंकि कारुआना और नेपोमनियाच्ची ने ड्रॉ खेला और गुकेश सबसे ज्यादा नौ अंक लेकर शीर्ष पर आ गए और टूर्नामेंट अपने नाम किया। 

शतरंज की दुनिया की नई सनसनी 17 वर्षीय गुकेश ने अपने करियर में कई बार दुनिया को चौंकाया है। वह इस छोटी सी उम्र में कई रिकॉर्ड बना चुके हैं। वह 12 साल, सात महीने, 17 दिन की उम्र में भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए थे और दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर का टैग केवल 17 दिनों से चूक गए थे। उन्होंने पिछले साल पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को पछाड़कर 36 साल बाद पहली बार देश के शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ी के रूप में प्रवेश किया। अब उन्होंने उस प्रभावशाली सूची में एक और उपलब्धि जोड़ दी है। कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने के साथ ही गुकेश 40 साल पहले महान गैरी कास्पारोव द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ते हुए विश्व खिताब के लिए सबसे कम उम्र के चैलेंजर बन गए। रूस के पूर्व महान कास्पारोव 22 साल के थे जब उन्होंने 1984 में हमवतन अनातोली कारपोव के साथ भिड़ने के लिए क्वालिफाई किया था। अब गुकेश इस साल के आखिर में विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को चुनौती पेश करेंगे।