गांधी मेडिकल कॉलेज ने सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए थे। आरक्षित वर्ग के पदों पर अन्य वर्ग की भर्ती किए जाने को चुनौती देते हुई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका की सुनवाई करते हुए गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल से इस संबंध में जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।

याचिका कर्ता रेनू यादव की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि गांधी मेडिकल कॉलेज ने सहायक प्रोफेसर के पांच पदों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन के अनुसार, चार पद एसटी तथा एक पद ओबीसी वर्ग के लिए निर्धारित था। उसने भी सहायक प्रोफेसर पद के लिए आवेदन किया था। उसे इंटरव्यू के लिए आमंत्रित भी किया गया था।

याचिका में कहा गया था कि इंटरव्यू के बाद रिजल्ट के संबंध में उसे अभी तक अवगत नहीं करवाया गया है। याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया कि पद आरक्षित होने के बावजूद भी ईडब्ल्यूएस तथा एसटी वर्ग के व्यक्तियों को नियुक्ति प्रदान की गई है। सिर्फ एक पद पर नियुक्ति होना शेष है। याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने एकलपीठ को बताया कि चहेतों को उपकृत करने के लिए नियमों को ताक में रखकर नियुक्ति की गई है। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।