हनुमान जी को संकट मोचन और न्याय प्रिय भगवान माना जाता है.यही कारण है कि देश के लगभग हर इलाके में हनुमान जी को पूजा जाता है. शाजापुर में हनुमान जी के अलग मंदिर है,लेकिन शाजापुर की न्यायलय परिसर में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जिसकी अपनी एक विशेषता है.

शाजापुर जिले में अनेक प्राचीन और ऐतिहासिक धरोवर आज देखने मिल जाती है. शाजापुर में आज भी महाभारत कालीन शिव मंदिर आज भी स्थित है जो भक्तो को केवल दर्शन देने के साथ उनकी अर्जी भी स्वीकारते हैं. ऐसा ही एक शाजापुर जिला मुख्यालय पर स्थित है न्याय प्रिय हनुमान मंदिर. हनुमान जी का यह मंदिर न्यायलय परिसर में स्थित है. इस हनुमान मंदिर में सुबह से लेकर शाम हनुमान जी के भक्तो का जमावड़ा देखने को मिलता है.

जज-वकील भी लगते है मंदिर में हाजरी
लोकल 18 की टीम से चर्चा करते हुए अभिभाषक नरेन्द तिवारी बताते है कि यह हनुमान जी का मंदिर काफ़ी पुराना है. यहाँ एक पहले छोटा सा औटला हुआ करता था.लेकिन लगभग 20 से 25 वर्ष पहले मंदिर का निर्माण हुआ.न्यायलय में आने वाले हर एक शख्स से इस मंदिर के प्रति आस्था बनी हुई है.जज-वकील भी मंदिर में हाजरी लगाते हैं.


झूठा प्रकरण होने पर हनुमान जी दिलवाते है न्याय
अभिभाषक नरेंद्र तिवारी ने लोकल 18 से कहा कि यदि किसी व्यक्ति को फर्जी मुकदमे में फंसाया गया हो और उसका मुकदमा सालों में भी न निपटा हो. वह इस मंदिर में आकर भगवान हनुमान के चरणों में अपनी अर्जी लगता है तो बाबा खुद उसका न्याय करते हैं. और यदि व्यक्ति सही में गलत नहीं है तो बाबा उसे न्याय भी दिलवाते है, इसी लिए इस मंदिर का नाम न्याय प्रिय हनुमान मंदिर रखा गया है.अभिभाषक नरेंद्र तिवारी के अनुसार कुछ वर्ष पहले इसी न्यायलय में एक महिला के पति को झूठे केस में फंसाया गया था,और उसे जेल भी हो चुकी थी,लेकिन महिला ने बाबा के सामने अर्जी लगाई और बाबा ने उस महिला के पति के साथ न्याय करते हुए उसे जेल की चार दीवारी से आजाद करवाया.