ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने प्रदेश में साइलेंस जोन घोषित करने के साथ ही मुख्य सचिव से दोबारा शपथ-पत्र मांगा है। 20 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की युगल पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान यह निर्णय आया।

सुनवाई के दौरान हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाली छत्तीसगढ नागरिक संघर्ष समिति की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि साउंड बाक्स और डीजे डीजे के अलावा मध्य रात्रि में भी शहर के बीच में म्यूजिक सिस्टम बजाए जाते हैं। कोर्ट को कुछ फोटो भी बताए गए, जिसमें शंकर नगर चौक पर रात को 10:30 तक ट्रेलर ट्रक में डीजे बजाए गए और एम्स अस्पताल में चार नवंबर 2022 को कैंपस में देर रात तक ध्वनि प्रदूषण किया गया।

संवेदनशील एरिया चिन्हित करने के लिए निर्देश

समिति द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका के जवाब में शासन ने कोर्ट को बताया कि ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य शासन वे स्पेशल हार्न, स्पीकर, लाउडस्पीकर, को अस्पताल, शैक्षणिक संस्था और कोर्ट के पास प्रतिबंधित करने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने संवेदनशील एरिया चिन्हित करने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस पर आदेशित किया की मुख्य सचिव साइलेंस जोन घोषित करने के संबंध में शपथ पत्र दें।