विस-भोपाल 31जुलाई/मध्यप्रदेश में जल संरक्षण और सिंचाई क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य मंत्री तुलसीराम सिलावट

मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सदन में प्रदेश सरकार द्वारा जल संरक्षण, भू-जल स्तर सुधार एवं सिंचाई क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां व्यापक स्तर पर जल संरचनाओं के निर्माण और संरक्षण के साथ-साथ जल संवर्धन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
मंत्री सिलावट ने जानकारी दी कि परंपरागत जल स्त्रोतों के संरक्षण और पुनर्निर्माण के अंतर्गत प्रदेश में 5 हजार से अधिक तालाबों का निर्माण हुआ है। इसके साथ ही जल शुद्धि और संरक्षण की दिशा में 50 हजार से अधिक अमृत सरोवर भी निर्मित किए जा चुके हैं, जिससे प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में जल संकट के समाधान को मजबूती मिली है।
जलवायु संतुलन और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बीते वर्षों में 141 करोड़ पौधों का रोपण किया है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में देशभर में एक मिसाल बन चुका है।
इसी क्रम में सिंचाई के क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए मंत्री ने बताया कि बीते 19 महीनों में 7.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के अंतर्गत लाया गया है, जो प्रदेश की कृषि समृद्धि और किसानों की आय वृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अब प्रदेश की कुल सिंचाई क्षमता 52 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो कि आज़ादी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
यह संपूर्ण अभियान मध्यप्रदेश की सरकार की जल और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह प्रमाणित करता है कि प्रदेश आने वाले वर्षों में जल संकट से पूरी तरह उबरकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। समर्पित प्रयास, सतत विकास मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य।