लॉस् एजेलिस । अमेरिकन पॉप सिंगर और सॉन्‍ग राइटर ब्रिटनी स्पीयर्स को लेकर बनाई जा रही  डॉक्‍यूमेंट्री पर उनके प‎ति सैम असगरी ने आप‎‎त्ति जताई है। हालां‎कि ‎ब्रिटनी की जिंदगी विवादों के नाम रही है। प्रिंसेस ऑफ पॉप के नाम से मशहूर ब्रिटनी 1990 और 2000 के दशक में संगीत की दुनिया पर राज करती थीं। 15 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड्स और एक ग्रैमी अवॉर्ड जीत चुकीं ब्रिटनी पर टीएमजेड की डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने वाली है। लेकिन रिलीज से पहले ही यह विवादों में है। ब्रिटनी के पति सैम असगरी ने इंस्टाग्राम के जरिए टीएमजेडी की उस रिपोर्ट पर निशाना साधा है, जिसमें कहा गया कि सिंगर की शादी गहरी मुसीबत में है। सैम असगरी ने इंस्टाग्राम पर स्‍टोरी पोस्‍ट की और कहा ‎कि मुझे यह उन लोगों से घ‍िन आती है, जो ब्रिटनी की जिंदगी में तब उथल-पुथल मचा रहे थे, जब वह खुद के लिए आवाज नहीं उठा पा रही थीं। उन्होंने ऐसी कहानियां सुनाईं, जो कभी उसकी थी ही नहीं। यह बहुत ही बेहूदा था।
वीडियो में सैम ने ‎ब्रिटनी के विवादित कंजरवेटरशिप के दौर की भी बात की है। ब्रिटनी साल 2008 से अपने पिता जेमी स्पीयर्स के संरक्षण में थीं। जिस पर खूब विवाद हुआ। मामला कोर्ट तक पहुंचा और अदालत के फैसले के बाद 2021 में पिता से ब्रिटनी की कंजरवेटरशिप छीन ली गई। ब्रिटनी ने अपने पिता पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए थे। यह भी कहा था कि उनके पिता ने सारी दौलत पर कब्‍जा कर लिया है। सैम कहते हैं, आप अपनी जेनरेशन की सबसे प्रभावशाली, पॉप की प्र‍िंसेस, अमेरिका की स्‍वीटहार्ट को सलाखों के पीछे डाल रहे हैं। जहां उसके पिता, उसे यह बताते हैं कि क्या करना है, क्या खाना-पीना है, किससे मिलना है। और तो और उसे एक पैसा बनाने वाली मशीन के तौर पर इस्‍तेमाल किया गया? ब्रिटनी के पति ने आगे कहा है, अचानक 15 साल बाद जब वह उन सभी गैसलाइटिंग से आजाद हो गई, वे सभी चीजें कहीं दफ्न हो गईं तो अब आप उसपर माइक्रोस्कोप लगाकर उसकी कहानी बताना घ‍िनौना काम है, इसलिए ऐसा मत करो।
जानकारी के लिए बता दें कि गैसलाइटिंग एक साइकोलॉजिकल टर्म है, इसका मतलब ऐसी स्‍थ‍िति से होता है, जहां कोई किसी इंसान को इस कदर बहकाता है और झूठी कहानियां सुनाता है कि अगला खुद पर भी शक करने लगता है। यह एक ऐसी मानसिक स्‍थ‍िति होती है, जहां इंसान झूठ को सच और सच और झूठ मानने लगता है। सैम ने आगे ब्रिटनी के फैंस से अपील की है कि वह सिंगर के बारे में ऑनलाइन रिपोर्ट्स में जो भी पढ़ते हैं, उन पर भरोसा न करें।