नई दिल्ली । खाद्य और कृषि के लिए वनस्पति आनुवंशिक संसाधनों की अंतर्राष्ट्रीय संधि के संचालन निकाय का 9वां सत्र दिल्ली में 19 से 24 सितंबर तक आयोजित होगा। आईटीपीजीआरएफए, खाद्य और कृषि के लिए विश्व के पादप आनुवंशिक संसाधनों (पीजीआरएफए) के संरक्षण, आदान-प्रदान के साथ-साथ इसके उपयोग से उत्पन्न होने वाले उचित और न्यायसंगत लाभ साझा करने के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। यह राष्ट्रीय कानूनों के अधीन किसानों के अधिकारों को भी मान्यता देता है।
इस बीज संधि के रूप में भी जाना जाता है। आईटीपीजीआरएफए को नवंबर 2001 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के सम्मेलन के 31 वें सत्र में अपनाया गया था। 29 जून, 2004 को लागू हुई संधि को भारत सहित 149 देशों ने अनुमोदित किया है। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि कृषि में हर देश का अपना ‘जर्मप्लाज्म’ और जैव विविधता है। इसका संरक्षण, पहुंच, लाभ साझा करना और किसानों के अधिकार की रक्षा करना - इन सभी मुद्दों पर आईटीपीजीआरएफए के संचालन निकाय (जीबी9) के 9वें सत्र में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ कृषि को प्रतिकूल जलवायु के प्रति सहनशील बनाने के लिए विभिन्न देशों के ‘जर्मप्लाज्म’ तक पहुंच बेहतर कैसे करें, इस पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी।’’