राष्ट्रीय किसान दिवस के उपलक्ष्य में किसानों के सम्मान समारोह का आयोजन ब्रम्हाकुमारीज़, सुख शांति भवन, नीलबड़ में किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जी पी माली जी (पूर्व डिप्टी डायरेक्टर मंडी बोर्ड एवं अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा संघ), अनुभवी वरिष्ठ भ्राता जी पी विश्वकर्मा जी, श्री घनश्याम जी ( सरपंच मुगलिया छाप), भ्राता श्री राम सिंह , (जनपद सदस्य) तथा कमल सिंह मारण जी,( क्षेत्र के सबसे वरिष्ठ किसान) शामिल थे ।
सभी ने वर्तमान समय में किसानों की वर्तमान स्थिति के विषय में अपने विचार प्रकट किए।माली जी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि, ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा दी जाने वाली शिक्षाओं को यदि किसान अपने जीवन में उतार ले तो उनका जीवन स्वर्ग बन जाएगा, साथ ही उन्होंने यह भी प्रोत्साहन दिया कि आप अपने साथ अपने परिवार एवं बच्चों को भी राजयोग की शिक्षा का ज्ञान अवश्य दें ताकि अन्य बुराइयों और एवं व्यसनों से उनका बचाव हो सके।                                                                                                                                                    सरपंच  राम सिंह  ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि मैंने कहीं नहीं देखा कि किसानों के लिए किसी ने कोई सम्मान का कार्यक्रम किया हो। साथ ही उन्होंने किसानों में आपसी संगठन एवं विश्वास होने पर भी जोर दिया। तत्पश्चात् ब्रह्मा कुमारीज़ सुख शांति भवन, नीलबड़ की डायरेक्टर ब्रह्माकुमारी नीता दीदी  ने यौगिक खेती के विषय में बताते हुए कहा कि जिस प्रकार एक वृक्ष की उत्पत्ति होती है उसी प्रकार यह सारी  मनुष्य सृष्टि भी एक वृक्ष के समान है जिसके बीज निराकार परमपिता परमात्मा  हैं और जब उनकी याद में किसान खेती करते हैं और विचार शुभ होते हैं तो  खेती पर भी, फसलों पर भी उनके विचारों का सकारात्मक प्रभाव होता है एवं फसल भी अच्छी होती है। वरिष्ठ राजयोगी भ्राता रामकुमार भाई  ने  अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारे विचारों का प्रभाव प्रकृति पर  होता है। हमारे दुख या सुख,घृणा या प्रेम के प्रकंपन प्रकृति अपने में समा कर उसी अनुसार अपने को ढालती है यह तथ्य  बहुत ही सुंदर कहानी  तथा सत्य घटना के माध्यम से  समझाया।                                                                                      बी के डॉ देवयानी द्वारा सभी किसानों को जीवन में आध्यात्मिकता द्वारा स्वयं को सशक्त करने एवं यौगिक खेती का प्रयोग करने की प्रतिज्ञा  कराई गई। तथा कार्यक्रम के अंत में बीके हेमा बहन द्वारा ध्यान के माध्यम से सभी को दिव्य परमात्म अनुभूति कराई गई।                                                                                                                राजयोग की शिक्षा से हर किसान का जीवन स्वर्ग बन जाएगा 

वर्तमान समय में जैविक खेती के साथ  यौगीक खेती भी बहुत आवश्यक