नई दिल्ली । अल नीनो के कारण इस सार दिसंबर-जनवरी के पीक महीनों में भी कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ने का अनुमान है। उत्तर-पश्चिम भारत में अभी सर्दियों का मौसम आने में वक्त लगेगा। नवंबर खत्म होने में 9 दिन बचे हैं, लेकिन मुंबई समेत उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान  अभी सामान्य बना हुआ है। महाराष्ट्र, गुजरात में कमोबेश यही स्थिति है। यहां दिन और रात का तापमान सामान्य के करीब है। इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ को बताया जा रहा है। 
स्काईमेट वेदर सर्विसेज के मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने एक समाचार चैनल को बताया, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस अक्टूबर-नवंबर में पहाड़ों में आते थे। इससे पहाड़ों पर नवंबर में अच्छा खासा स्नोफॉल होता था। लेकिन इस साल अभी तक एक भी अच्छा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं आया है। उत्तर और पश्चिम भारत के इलाकों में भी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से बारिश होती थी। तापमान कुछ नीचे गिरता था। लेकिन इस सीजन में पहाड़ों में मौसम शुष्क बना हुआ है। इसलिए बारिश भी नहीं हो रही।
महेश पलावत ने कहा, इसको हम क्लाइमेट चेंज के साथ जोड़कर देख सकते हैं। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के नहीं आने से पूर्वानुमान है कि मुंबई में सर्दी का मौसम आने में अभी देरी होगी।
मौसम विभाग के मुताबिक, मुंबई में फिलहाल आसमान साफ है। इसलिए सूरज की किरणें सीधे जमीन पर पहुंच रही हैं। इससे दोपहर में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। मंगलवार को मुंबई के कोलाबा मौसम केंद्र में अधिकतम तापमान 35।5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सांताक्रूज में 36।1 डिग्री रहा।