इंदौर-सांवेर/मंत्री तुलसी सिलावट के सानिध्य में चल रही रामकथा में उमड़ा जनसैलाब, सियाराम मय हुआ सांवेर
शनिवार- 25 फरवरी,सांवेर में उमड़ा जनसैलाब सियाराम मय हुआ सांवेर जीवन मे कुछ करना है तो आराम नही, तपस्या स्वीकार करे, प्रजा को इनकम टैक्स जरूर देना चाहिए,संबंध और समन्वय की संस्कृति यानी सनातन धर्म--पूज्य संत श्री प्रेमभूषण महाराज
जो व्यक्ति अपनी जवानी मे सोता है तो बहुत कुछ खो देता है। अगर आपको जीवन मे कुछ करना है तब आराम नही तपस्या स्वीकार करे। व्यक्ति अगर जीवन मे कुछ नही कर पाता है तब बुढ़ापे मे भी उसके परिवार वाले कहते है की जवानी मे सोते रहे अब क्या पछता रहे हो।सांवेर मे आयोजित राम कथा मे पूज्य श्री प्रेमभूषण जी महाराज ने कथा में कही और उपस्थित श्रद्धालुओं से आव्हान किया कि सनातन धर्म का पालन ही मानव जीवन में ईश्वर के मार्ग पर चलना है। आपने विवाह के बारे मे बताया कि मनुष्य के जीवन की यह संवैधानिक व्यवस्था यानी विवाह है।गृहस्थ आनंद का आश्रम है और जीवन मे यह जितना जल्दी कर लो अच्छा है। आपने कहा कि हमारे अयोध्या मे यह कहाजाता है कि घर मे भई खटपट चलो बाबा के मठ मे परतु आश्रम मे बिना काम के पानी भी नही मिलता इसलिए घर ही अच्छा है।
राम कथा को बताते हुए आपने कहा कि अयोध्या जी मे जैसे दुनियाभर की संपदा आ गई हो प्रभु श्री राम के विवाह के बाद ऐसा लग रहा था। चक्रवर्ती राजा दशरथ जब एक दिन अपने आप को दर्पण मे देख रहे थे तब कान के पास सफेद बाल नजर आने लगे और तब मन मे विचार आया की राम जी को राजकुमार बनाकर तिलक कर देना चाहिए। आपने कहा कि अक्सर बुढे लोग भी अपनी वर्तमान की फोटो देखना नही चाहते उन्हें अपनी जवानी की फोटो ही अच्छी लगती है क्योंकि मन मानता ही नही कि वे बूढ़े हो गए है। आपने कहा कि जीवन मे यह अलभ्य लाभ है सद्गुरु के युवावस्था मे शिष्य, पिता की प्रौढ़ावस्था मे पुत्र, राजा की प्रौढ़ावस्था मे राजकुमार अपनी जगह लेकर काम मे हाथ बटाने लगे वरना झगडा होता है। राजा दशरथ के मन मे विचार भीतर से आया और उन्होंने निर्णय लिया। श्री प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि यज्ञ,रामकथा, तीर्थ यात्रा का विचार मन मे आया तब तत्काल कर लेना चाहिए। परमार्थ को शीघ्रता से कर देना चाहिए और जहां पर तनाव की बात आए तब उसे दूसरे दिन पर टाल देना चाहिए। आपने कहा कि सनातन धर्म संबंध और समन्वय का है और कई लोग कुछ वर्ष पूर्व तक सनातन के बारे मे कुछ भी कह देते थे और हम सहन करते थे यही हमारी कमजोरी थी। । आपने धर्मपत्नी शब्द को लेकर कहा कि जो पुरुष को धर्म मे रमा दे वह धर्मपत्नी। रामकथा मे किस प्रकार से राम जी को वनवास होता है और मा सीता और लक्ष्मण जी साथ मे चल पडते है।सुमत जी रथ पर लेकर जाते है किस प्रकार प्रभु की माया से प्रजावासी जो पीछे आए रहते है वह सो जाते है और प्रभु श्री राम गगा किनारे पहुँच जाते है। आपने कहा कि प्रभु श्री राम ने समाज और राष्ट्र के लिए वनवास लिया था ताकी आसुरी शक्तियों का सर्वनाश कर सके। आपने कहा कि जीवन मे कुछ करना है तब तपस्या को चुने आलस्य छोडे तब लक्ष्य की प्राप्ति होगी। केवट प्रसंग का आपने सुदर वर्णन किया। आपने यह भी कहा कि केवल भारत माता की जय कहने से राष्ट्रभक्ति नही होती। आप दूसरे देश देखे वहा पर कितना टैक्स है पर लोग भरते है हमारे यहां पर लोग इनकम टैक्स भरते ही नही बल्कि सीए के साथ माथापच्ची करते रहते है कि कैसे इनकम टैक्स बचे। राम कथा मे किस प्रकार से प्रभु भारद्वाज जी के आश्रम पहुचे यह भी बताया । राम कथा मे राधे राधे बाबा,मुकेश टटवाल जी महापौर उज्जैन,मनोज चौधरी विधायक हाटपिपल्या देवास,पुलिस कमिश्नर इंदौर हरिनारयण चारी मिश्र, उपस्थित थे। अरुण राठौर