"कर लो स्वास्थ्य मुट्ठी में"

अगर आहार को दवाई की तरह खाना सीखेंगे तो दवाइयों को आहार की तरह खाने की नौबत नही आएगी,शारीरिक स्वास्थ्य के साथ आध्यात्मिक स्वास्थ्य वर्तमान युग की जरूरत। वर्तमान समय में कोरोना महामारी का आवाज फिर से सुनाई देने लगा है। ऐसे समय में अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना और संपूर्ण रीति से स्वस्थ रहना यह बहुत आवश्यक हो गया है। केवल शारीरिक ही नहीं , वरन मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी हर व्यक्ति के लिए जरूरी हो गया है। यही बात कोरो ना ने हमें सिखाई है। और इसीलिए बिना दवाई के स्वस्थ रहने का तरीका सिखाने वाले ऐसे आयोजन यह समय की मांग है।                                                                                                                                          मैं सभी भोपाल निवासियों से यह करबद्ध निवेदन करता हूं इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ ले।ब्रह्माकुमारीज के समाज उपयोगी उपक्रम मैं काफी लंबे समय से देखता आ रहा हूं। यह कहना था बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी जी का और मौका था मेरी गोल्ड गार्डन में आयोजित चार दिवसीय संपूर्ण स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ का। उद्घाटन के इस कार्यक्रम में श्री मनोज कुमार वर्मा (अध्यक्ष संस्कृत महाविद्यालय एवं विजयनगर समिति), श्रीमती प्रियंका मिश्रा (पार्षद वार्ड क्रमांक 7), श्रीमती रुचि अग्रवाल (प्रोपराइटर, मेरीगोल्ड गार्डन), बीके ज्योति दीदी (ब्रह्माकुमारीज़, पंचवटी) आदि ने भी कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।                                                                                      शिविर के संचालक डॉ दिलीप नलगे ने कहा,'वर्तमान समय में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही है। इसलिए बिना दवाई के स्वस्थ रहने की कला सीखना आवश्यक हो गया है। अगर हम आहार को दवाई की तरह खाना सीख जाते हैं तो हमें दवाइयों को आहार की तरह खाने की नौबत जीवन में नहीं आएगी। सुबह का नाश्ता राजा जैसा, दोपहर का भोजन मध्यम व्यक्ति की तरह और रात को भिखारी की तरह खाना चाहिए। भूख के अनुसार खाना चाहिए,न कि आदत के अनुसार। अपनी प्रकृति को समझ कर उस अनुसार आहार की मात्रा तय करना स्वस्थ रहने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार हमारा आहार षड-रसात्मक होना चाहिए। आहार में रेशें ज्यादा मात्रा में होने चाहिए जिससे पेट साफ रहेगा। पेट सफा तो हर रोग दफा। आगामी 3 दिनों में शरीर के लिए उपयुक्त व्यायाम, सकारात्मक विचार, दिनचर्या, ऋतुचर्या तथा राजयोग मेडिटेशन और स्वास्थ्य प्राप्ति इन विषयों की गहन जानकारी प्रदान की जाएगी। प्रातः 7:00 से 8:30 तथा शाम 6:00 से 7:30 इन में से अपनी सुविधा अनुसार किसी एक समय पर आकर इसका निःशुल्क लाभ ले सकते हैं।                अंत में बीके डॉक्टर प्रियंका ने सभी को राजयोग ध्यान के माध्यम से रिलैक्सेशन का अनुभव कराया। कार्यक्रम का कुशल सूत्रसंचालन बीके हेमा ने किया।