राजधानी में मंगलवार से तीन दिनी किसान मेला शुरू हो गया है। मेले का उद्घाटन करने दो मंत्री पहुंचे। सबसे पहले पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल पहुंचे। फिर कृषि मंत्री कमल पटेल। कृषि मंत्री ने उद्घाटन करने के दौरान रिबन नहीं काटा, बल्कि उसे खींचकर हटा दिया। उन्होंने कहा कि रिबन काटना हमारी संस्कृति नहीं है, इसलिए वे भी नहीं काटेंगे। मेले में कई ऐसे उपकरण आए हैं, जो किसानों के लिए जरूरी है।

                            पशुपालन मंत्री पटेल दोपहर 1 बजे मेले में पहुंचे। वहीं, कृषि मंत्री कमल पटेल दो बजे मेले में आए। दोनों मंत्रियों ने मेले का निरीक्षण भी किया। कृषि मंत्री पटेल ने सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। वहीं, कांग्रेस को जमकर घेरा। पशुपालन मंत्री पटेल ने निरीक्षण के दौरान हाजमे वाला चूर्ण भी टेस्ट किया।                                                       कृषि मंत्री ने मेले में आए लोगों को जैविक खाद के पैकेट भी बांटे।                                                                                                                                                                                                                                                                उपकरण देखें, ली जानकारी दोनों मंत्रियों ने मेले में पहुंचकर कृषि से जुड़े कई उपकरण देखें और जानकारियां ली। मेले में ही कृषि एक्सपर्ट ने किसानों को फसलों के बारे में नई जानकारी दी। मेला 29 दिसंबर तक चलेगा।मेले में कृषि, बागवानी, डेरी व खाद्य प्रसंस्करण तकनीक क्षेत्र नई तकनीक से जुड़े उत्पादों के 150 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉल्स पर ट्रैक्टर, कंबाइन, हार्वेस्टर, मिल्क मशीन, जैविक उत्पाद, केमिकल व फर्टिलाइजर, टिश्यू कल्चर आदि देखने को मिलेंगे। मेले में भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा एवं राजगढ़ सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसान शामिल हो रहे हैं।

आयोजक संस्था के प्रमुख भरत बालियान ने बताया कि मेले में किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान उपयोगी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। इन स्टॉल पर देश-विदेश की इन कंपनियों के उपकरणों को प्रदर्शित किया जा रहा है।

साथ ही, इस दौरान किसानों के लिए दो दिवसीय किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें विशेषज्ञ उन्हें कृषि एवं बागवानी से जुड़ी नवीनतम तकनीकों से अवगत कराएंगे। ताकि किसान खेती को लाभ के धंधे के रूप में परिवर्तित कर सकें।